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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 16 जून 2018 (17:54 IST)

अरविंद केजरीवाल का आरोप, दिल्ली में लगा है राष्ट्रपति शासन

अरविंद केजरीवाल का आरोप, दिल्ली में लगा है राष्ट्रपति शासन - Arvind Kejriwal IAS officer President's rule Lt Governor
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के चलते दिल्ली में एक तरह से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। केजरीवाल और उनके 3 मंत्रियों का उपराज्यपाल कार्यालय राजनिवास में धरना शनिवार को 6ठे दिन भी जारी रहा। आप नेता उपराज्यपाल से आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का आदेश देने की मांग कर रहे हैं।
 
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और विकास, श्रम एवं रोजगार मंत्री गोपाल राय केजरीवाल के साथ सोमवार शाम से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना दिए हुए हैं। जैन और सिसोदिया क्रमश: मंगलवार और बुधवार से भूख हड़ताल पर हैं। 
 
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के माध्यम से दिल्ली में एक तरह से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा था कि क्या वे अपने अधिकारियों के बैठक में शामिल न होने पर काम कर सकते हैं? उन्होंने आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के मामले पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और उन्हें अपने अधिकारियों के बिना काम करने की चुनौती देते कहा कि क्या प्रधानमंत्री एक दिन भी अधिकारियों के बगैर काम कर सकते हैं? 
 
मोदी को शुक्रवार को लिखे पत्र में केजरीवाल ने उनसे अपील की कि वे आईएएस अधिकारियों की हड़ताल समाप्त कराएं, ताकि वे रविवार को नीति आयोग में होने वाली बैठक में शामिल हो सकें। हालांकि आईएएस अधिकारी संघ लगातार इस बात का दावा कर रहा है कि कोई भी अधिकारी हड़ताल पर नहीं है।



 
सिसोदिया ने भी शनिवार को एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा था कि उपराज्यपाल कार्यालय से जबरन निकाले जाने पर वे पानी भी पीना बंद कर देंगे। सूत्रों ने बताया कि आप मंत्रियों के धरना देने के बाद अपने घर से काम कर रहे उपराज्यपाल ने मंत्रियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए 3 दलों का गठन किया है।
 
इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय रविवार को उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया जिसमें उपराज्यपाल को दिल्ली के आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने और उनके काम पर लौटने का निर्देश देने की मांग की गई है। इस पर सुनवाई 18 जून को की जाएगी। यह याचिका गुरुवार को अदालत में दायर उस याचिका की पृष्ठभूमि में दायर की गई है जिसमें केजरीवाल और उनके मंत्रियों के उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना को असंवैधानिक और गैरकानूनी ठहराने की मांग की गई थी। केजरीवाल के धरने के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई 18 जून को होगी। (भाषा)
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