जेटली के जाल में उलझे अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली के दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के आपराधिक मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में जेटली की तरफ से केजरीवाल पर कथित रूप से झूठा शपथ पत्र देने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर कर कार्रवाई की मांग की गई है।
केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया था और जेटली की तरफ से इस हलफनामे का झूठा कहा गया है। इस मामले में जेटली की ओर से दायर नई याचिका पर न्यायालय ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
मुख्यमंत्री ने जेटली पर उनके डीडीसीए का अध्यक्ष रहते हुए कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। जेटली ने मुख्यमंत्री के खिलाफ 10 करोड रुपए का आपराधिक मामला दर्ज किया था। इस मामले में केजरीवाल के वकील रहे राम जेठमलानी ने 17 मई को सुनवाई के दौरान जेटली को अपमानजनक शब्द कहे थे। इसे लेकर 10 करोड़ राशि का एक और मुकदमा किया गया है। जेठमलानी ने कहा था कि अपशब्द कहने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा था।
केजरीवाल ने जेठमलानी के इस बयान के बाद हलफनामा दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मानहानि के मामले में उन्होंने जेठमलानी को अपमानजनक शब्दों का उपयोग करने के लिए नहीं कहा था। जेटली की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायक और संदीप सेठी ने दायर नई याचिका में कहा है कि यह हलफनामा कथित रूप से झूठा है।
जेटली ने धारा 340 के तहत यह याचिका डाली है जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने जो हलफनामा दिया है, उसमें गलत जानकारी दी गयी है। जेटली के अधिवक्ताओं ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि केजरीवाल की गलत बयानी और हलफनामें में झूठी जानकारी देने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए।
न्यायाधीश मनमोहन ने इस मामले में केजरीवाल को नोटिस भेजकर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। इस मामले में अगली तारीख 11 दिसंबर तय की गई है।
मुख्यमंत्री के आरोपों के बाद जेटली ने दिसंबर 2015 में केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं आशुतोष, कुमार विश्वास, राघव चड्ढा, संजयसिंह और दीपक वाजपेयी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। (वार्ता)