अमित शाह बोले, हिन्दी सभी भारतीय भाषाओं की सखी, किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं हो
Amit Shah's statement on Hindi language: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को कहा कि हिन्दी किसी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है, बल्कि यह सभी भारतीय भाषाओं की सखी है और देश में किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार के आधिकारिक भाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह (Golden Jubilee Celebration) को संबोधित करते हुए शाह ने सभी राज्य सरकारों से चिकित्सा और इंजीनियरिंग शिक्षा स्थानीय भाषा में प्रदान करने की पहल करने भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सभी राज्य सरकारों को प्रशासनिक कामकाज में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने में मदद करेगा। गृहमंत्री ने कहा कि मेरा पूर्ण विश्वास है कि हिन्दी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं हो सकती। हिन्दी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है। शाह ने कहा कि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाएं मिलकर देश की संस्कृति के स्वाभिमान को और बढ़ा सकती हैं।
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गृहमंत्री ने यह भी कहा कि गुलामी की मानसिकता से सभी को मुक्ति मिलनी चाहिए और जब तक कोई व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा या अपनी भाषा में अपनी बात नहीं कहेगा, तब तक वह व्यक्ति गुलामी की मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि किसी भाषा का विरोध नहीं है। किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए। लेकिन अपनी भाषा का गौरव बढ़ाने की ललक होनी चाहिए, अपनी भाषा बोलने की ललक होनी चाहिए, अपनी भाषा में सोचने की ललक होनी चाहिए।
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शाह ने कहा कि जहां तक देश का सवाल है, भाषा सिर्फ संचार का माध्यम नहीं है, यह राष्ट्र की आत्मा है। शाह ने कहा कि भारतीय भाषाओं को जीवंत रखना और उन्हें समृद्ध बनाना महत्वपूर्ण है। हमें आने वाले दिनों में सभी भारतीय भाषाओं, विशेषकर राजभाषा के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta