सज्जन कुमार सिख विरोधी दंगों से बरी
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को भारी राहत प्रदान करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में मंगलवार को उन्हें बरी कर दिया, जबकि सिखों को मारने वाली भीड़ में शामिल होने के जुर्म में पांच अन्य अभियुक्तों को दोषी ठहराया।जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेआर आर्यन ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया, जबकि पांच अन्य पूर्व पाषर्द बलवान खोकर, पूर्व विधायक महेन्द्र यादव, किशन खोकर, गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया। जज की तरफ किसने जूता उछाला... पढ़ें आगे....
फैसला सुनाते समय अदालत में प्रदर्शनकारियों ने काफी हंगामा किया और उनमें से एक ने न्यायाधीश की ओर उस समय जूता उछाला जब उन्होंने कुमार को बरी करने का फैसला सुनाया। कुमार को 31 अक्टूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दगों के एक मामले में बरी किया गया है।बाहरी दिल्ली से पूर्व लोकसभा सदस्य कुमार पर 1984 के दंगों का एक अन्य मामला भी चल रहा है। तीसरे अन्य मामले में दिल्ली पुलिस ने मामले को बंद करने संबंधी रिपोर्ट यह कहकर दाखिल की है कि कुमार के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। आगे पढ़ें... धरने पर बैठ गई एक दंगा पीड़ित...
कड़कड़डूबा जिला अदालत परिसर में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र थे। कुमार को बरी किए जाने के बाद शिकायतकर्ता जगदीश कौर अदालत कक्ष के अंदर ही यह कहते हुए धरने पर बैठ गई कि न्याय होने तक वे नहीं उठेंगी।बलवान खोकर, गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया, जिसमें अधिकतम सजा मृत्युदंड है। महेन्द्र यादव और किशन खोकर को केवल दंगे के अपराध में दोषी ठहराया गया है। (भाषा)