देह व्यापार में तमिलनाडु अव्वल
तमिलनाडु और कर्नाटक में लिंग अनुपात देश के बाकी राज्यों की तुलना में भले ही बेहतर हो, लेकिन जब बात देह व्यापार की आती है तो ये दोनों राज्य शीर्ष पर दिखाई पड़ते हैं। ऐसे मामलों की केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सर्वोच्च है, जहाँ इस साल ऐसे 63 मामले दर्ज किए गए।गृह मंत्रालय ने वर्ष 2007 के आँकड़े जारी किए हैं, जिनके अनुसार वेश्यावृत्ति के 1199 मामले तमिलनाडु में और 612 मामले कर्नाटक में दर्ज किए गए। ये मामले वेश्यावृत्ति निवारण कानून के तहत दर्ज किए गए।दोनों राज्यों में ऐसे मामलों में 3700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आँकड़ों के अनुसार दिल्ली में 217 व्यक्तियों को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया और 112 को दोषी ठहराया गया।वर्ष 2007 में पुलिस ने वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देने के आरोप में 9861 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और इस सिलसिले में 3568 मामले दर्ज किए। हालाँकि इस अपराध के लिए केवल 3220 व्यक्तियों को ही दोषी ठहराया गया। आंध्रप्रदेश में वेश्यावृत्ति के 612 मामले और महाराष्ट्र में 322 मामले दर्ज किए गए। इस सिलसिले में आंध्रप्रदेश में 1700 लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन 361 को ही दोषी ठहराया गया। महाराष्ट्र में कुल 1266 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।केरल में शिक्षा की दर देश के अन्य हिस्सों की तुलना मे अधिक है। यहाँ वेश्यावृत्ति के 201 मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने यहाँ 518 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 173 को दोषी ठहराया।उत्तर और पूर्वोत्तर की स्थिति बेहतर है। हिमाचलप्रदेश, अरुणाचलप्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में ऐसे किसी मामले की खबर नहीं है।जम्मू-कश्मीर में ऐसा एक मामला, सिक्किम में दो, उत्तराखंड में नौ और नक्सल प्रभावित झारखंड तथा छत्तीसगढ़ में ऐसे 14-14 मामले दर्ज किए गए थे।