एक्सप्रेसो हो या कैफेचीनो, कॉफी की भीनी महक और एक चुस्की ही आपकी थकान को मिटाकर आपको पूरी तरह से तरोताजा करने के लिए काफी है। कॉफी के दीवानों को कॉफी से जुड़ी हर बात दिलचस्प लगती है...
आज कॉफी का व्यवसाय न सिर्फ भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि भारतीय व्यवसाय के बदलते स्वरूप की भी परिचायक मानी जाती है। देश के दक्षिणी हिस्से में पैदा होने वाले इस पौधे...
भारत में कॉफी की व्यावसायिक खेती की शुरूआत ब्रिटिश भूस्वामियों द्वारा 1820 के आसपास हुई थी और 19वीं शताब्दी तक कॉफी का व्यवसाय पश्चिमी घाटों में स्थापित हो चुका था
कॉफ़ी बीन से उसके कप तक आने की कहानी बहुत रोचक है। किसी भी कॉफ़ी पीने वाले के लिए, रोमांटिक पृष्ठभूमि वाली या अच्छी कॉफ़ी बनाने की कोई युक्ति बताने वाली कोई छोटी सी जानकारी भी...
फ़्रिज़ में जमा हुए मख्खन को टुकड़ों में काटें। इसमें अंडे का सफ़ेद भाग निकालें और अच्छी तरह फ़ेंटें. बाद में इसमें शक्कर, खट्टा क्रीम मिलाकर अच्छी तरह फ़ेंटें...
कॉफ़ी पाउडर और बाउन शुगर एक साथ मिलाएँ। उसमें उबला हुआ पानी डालें। उसके ठंडा होने पर उसका पानी निकाल लें। मिश्रण को कम से कम 4 घंटे तक फ़ीज़ में रखें...
कॉफ़ी बीन कॉफ़ी के पेड़ का बीज होता है और कॉफ़ी विश्व में दूसरी सबसे बड़ी ख़रीदी-बेचे जाने वाली वस्तु है और इसका केवल खुदरा व्यापार ही 70 बिलियन यूएस डॉलर का है...
कई लोग कहते है कि कॉफ़ी पीने से उनकी नींद में बाधा आती है और इसे शाम के समय पीने से परहेज़ करना चाहिए। यह बात हम सभी जानते है कि कॉफ़ी पीते ही हमें पूरे दिन ताज़गी का एहसास होता है...
कॉफ़ी में सबसे महत्वपूर्ण घटक कॉफ़ी बीन्स होते हैं! ब्राउन पाउडर जिसे हम कॉफ़ी के नाम से जानते हैं, वास्तव में एक लंबी प्रक्रिया का अद्भुत परिणाम है...