प्रेम काल में लिखी गई कविताएं, धुनें और दर्ज किया गया संगीत लगभग आत्मा में तब्दील हो जाता है। फ्रेडी मरकरी ने अपना संगीत प्रेम के उन दिनों में ही रचा और उसे प्रेम की सबसे सुंदर और पवित्र धुन में बदल दिया। उसने अपने संगीत में प्रेम लिखा, दुख भी और अंत में मृत्यु भी।				  																	
									  जब वो स्टेज पर गाता था तो उसके सुरों और गले की नसों में नजर आता था कि अपनी प्रेमिका मैरी ऑस्टिन से किस कदर प्यार करता था।
				  ब्लॉन्ड हेयर और उजली हंसी वाली मैरी ऑस्टिन, फ्रेडी मरकरी की जिंदगी में सबसे खूबसूरत नैमत थीं।				  						
						
																							
									  ऑस्टिन के साथ प्रेम में रहते हुए फ्रेडी अपने संगीत के सबसे हाई और लो नोट तक पहुंचा। प्यार की सबसे गहरी और ऊंची अनुभूति।				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  वो गाता भी फोर ऑक्टेव में था, यानी गले की सबसे हाई वोकल रेंज में। हालांकि यह भी सचाई है कि फ्रेडी के ऊपर के दांत ऊंचे होने की वजह से भी वो ऊंचे स्वर में बहुत आसानी से गा लेता था। गाते वक्त उसके जबड़े के आखिरी दांत भी नजर आते थे- और यह उसकी मुस्कुराहट को भी बेहद खूबसूरत बना देता था।
				  																	
									  संगीत में मुझे रेंज बहुत पसंद है, दूर तक और बहुत ऊंचाई तक जाती हुई सुरीली चीख। इसलिए फ्रेडी मुझे बहुत पसंद है। उसके प्यार में रेंज की वजह से।
				  																	
									  शायद यही वजह थी उसके प्यार में भी बहुत गहराई थी और ऊंचाई भी। उसने सिर्फ ऑस्टिन से प्रेम किया और उसके साथ जो गीत रचे वो प्रेम और उसके दुख की सबसे फाइनेस्ट तरंगे बनकर हवा में घुल गईं।
				  																	
									  जब-जब मैं फ्रेडी मरकरी को सुनता हूं, वो मुझे सेंस ऑफ म्यूजिक की तरह प्रतीत होता है। जैसे वो संगीत का कोई देवता हो। वेस्टर्न म्यूजिक का मेटाफॅर।
				  																	
									  पियानो के की-बोर्ड की सबसे एक्सप्रेसिव की की तरह वो स्टेज पर खुलता जाता है। स्टेज पर बगैर शर्ट और कई बार सिर्फ अंडरवियर में भी उसका पब्लिक परसोना लोग सिर्फ देखते ही रहते थे। इसके ठीक उलट निजी जिंदगी में बिल्कुल शर्मिला और चुप था फ्रेडी।				  
 
				  
हर आदमी के खुलने की एक जगह होती है। वो उसी जगह पर जिंदा रहता है। कोई बिस्तर पर खुलता है तो कोई स्टेज पर। कोई किसी अब्र में, कोई अंधेरे में कहीं तो कोई कागज पर।				  																	
									  
दुर्भाग्य से दुनिया में लोगों के पास खुलने की बहुत कम जगहें रह गईं हैं।निजी जिंदगी में बंद और अकेला, स्टेज पर खुला हुआ। यहीं से फ्रेडी के दो चेहरे नजर आते हैं, एक स्टेज पर दुनिया के लिए और दूसरा जिसके बारे में वो खुद तय नहीं कर पा रहा था। एक कन्फ्यूज्ड जेंडर। वो गे है या कि बाइसेक्शुअल।
				  																	
									  स्टेज पर उसके ग्रेसफूल मूव्स में उसके सेक्सूअली कन्फ्यूज्ड होने के संकेत भी नजर आते थे, लेकिन इन्हीं कन्फ्यूज्ड सेक्सुअलिटी वाले मूव्स की वजह से अपनी गायिकी और स्टेज परफार्मेंस में वो सबसे अलहदा सितारा बन गया था।
				  																	
									  मैं दावे के साथ कह सकता हूं- अगर फ्रेडी 45 की उम्र में नहीं मरा होता तो रॉक म्यूजिक की दुनिया में वो लिजेंड तो था ही, एक महान गायक भी होता। और अब तक वेस्टर्न म्यूजिक के कई नाम फ्रेडी के नाम की लाइट्स में गुम हो चुके होते।
				  																	
									  फ्रेडी के संगीत में इस वक्त की यह नई दुनिया सबसे खूबसूरत दुनिया होती। बावजूद इसके, इतनी कम उम्र में जो संगीत वो दुनिया को दे गया, उससे मेरी जिंदगी में पर्याप्त बेखुदी है। फ्रेडी मरकरी के बाद मैं वेस्टर्न म्यूजिक की दुनिया के किसी भी महान गायक को सुनना नहीं चाहता हूं।				  
 
				  
ऑस्टिन के लिए लिखे गीत 
लव ऑफ माय लाइफ में उसने ऑस्टिन से कहा था, 
जब सब खत्म होने लगेगा और मैं बूढ़ा हो जाऊंगा तो तुम्हें याद दिलाऊंगा कि मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं। लेकिन वो बूढ़ा नहीं हो सका और वक्त से पहले मर गया।
				  																	
									  ऑस्टिन अभी भी अपने अकेलेपन में वो गीत सुनती होगी जो फ्रेडी ने उसके लिए लिखे थे, जब 
'लव ऑफ माय लाइफ' में वो पंक्ति आती है, तो वो सिहर जाती है। यह किसी अमूर्त प्रेम कहानी की तरह नजर आता है- एक रॉकस्टार मर चुका है और उसकी प्रेमिका इस भरी पूरी दुनिया में उसके गीत सुनकर कहीं अकेली गुमसुम और उदास कमरे की खिडकी से दूर कहीं झांक रही है।
				  																	
									  मैरी ऑस्टिन अभी भी 68 साल की उम्र में फ्रेडी के उसी घर गार्डन लॉज में रहती हैं, जो फ्रेडी उसे सौंपकर गया था।				  
 
				  
अपनी सेक्सुअल प्रॉयोरिटी तय नहीं कर पाने के कारण फ्रेडी और ऑस्टिन कभी एक नहीं हो सके, वो सिर्फ दोस्त बनकर ही रह गए। हालांकि फ्रेडी ने बाद में अपने कई पुरुष बॉयफ्रेंड बनाए। अंतत: एड्स से उसकी मौत हो गई।
				  																	
									  सारे अच्छे और सच्चे प्रेमी, और कलाकार कम उम्र में मर जाते हैं, शैतानी आत्माएं दशकों तक जिंदा रहकर यातनाएं देती हैं।
				  																	
									  फ्रेडी मरकरी 5 सितंबर 1946 में फारुख बलसारा नाम से जंजीबार में पैदा हुआ था, जंजीबार अब तंजानिया का हिस्सा है। फ्रेडी पारसी था और उसके मां-बाप बोमी और जेर बलसारा गुजरात के वलसाड़ से थे, लेकिन अपनी नौकरी की वजह से उसके पिता बोमी को जंजीबार जाना पड़ा।
				  																	
									  वहां से इंग्लैंड जाने के कारण फ्रेडी यूके का सिटीजन हो गया। उसका बचपन भारत में गुजरा और महाराष्ट्र के पंचगनी के बोर्डिंग में पढ़ाई की।
				  																	
									  बाद में लंदन में रहते हुए शुरुआत में उसने कई सारे रॉक बैंड में काम किया, 1970 में उसने स्माइल नाम के बैंड में गिटारिस्ट ब्रायन मे और ड्रमर रॉजर टेलर के साथ स्टेज करना शुरू किया। करीब सालभर बाद उनके साथ संगीतकार जॉन डिकॉन भी जुड़ गए।
				  																	
									  इसके बाद उन्होंने क्वीन नाम से अपना एक बैंड बना लिया। बैंड के एक गीत बोहेमियन रैपसडी ने क्वीन बैंड को रानी और फ्रेडी को रॉकस्टार बना दिया। यहीं से फारुख बलसारा एक नए नाम के साथ फ्रेडी मरकरी हो गया।
				  																	
									  जिस समय फ्रेडी गा रहा था उस वक्त ईरान में रॉक म्यूजिक प्रतिबंधित था, लेकिन कमाल यह था कि ईरान में ही फ्रेडी का संगीत सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुआ। लव ऑफ माय लाइफ, बोहेमियन रैपसडी, वी विल रॉक यू, वी आर द चैंपियन, समबडी टू लव, किलर क्वीन और टू मच लव विल किल यू जैसे नंबर्स ने उसे पूरी दुनिया का रॉकस्टार बना दिया।
				  																	
									  24 नवंबर 1991 को जब फ्रेडी की मौत हुई तो ऑस्टिन उसके बाजू में खड़ी थी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने प्रेमी के लिए रो रही थी या दोस्त के लिए।
				  																	
									  शेष दुनिया ने उसके संगीत के बदले उसे पीला गुलाब बना दिया। उसने फ्रेडी के पसंदीदा पीले गुलाब का नाम फ्रेडी मरकरी रोज रख दिया।
				  																	
									  24 नवंबर को 1991 में फ्रेडी जब मर रहा था, वो अपने डेथ बेड पर बोहेमियन रैपसडी गीत गा रहा था- I don't want to die, I sometimes wish I'd never been born at all.
				  																	
									  मैं मरना नहीं चाहता हूं लेकिन कई बार सोचता हूं कि काश मैं पैदा ही नहीं हुआ होता। शायद जिंदगी इतनाभर सोचने के लिए ही है।				  																	
									  
अब जब आ ही गया हूं इस दुनिया में तो मैं भी फ्रेडी के लंदन वाले घर के सामने छोड़ी गई दुनिया की तमाम चिट्ठियां पढ़ना चाहता हूं। ठीक उसी तरह जैसे किसी पेड़ पर बैठकर कोई चिड़िया फल कुतर रही हो।				  																	
									  (इस आलेख में व्यक्त विचार लेखक की निजी अनुभूति है, वेबदुनिया से इसका कोई संबंध नहीं है।)