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अपनी ‘सीमा’ नहीं लांघेंगे, उसे अपनी ‘सीमा’ में नहीं घुसने देंगे, जिंदा रहेंगे, देश की इम्‍युनिटी बढ़ाएंगे, यही है 2022 का सबसे बड़ा संकल्‍प

अपनी ‘सीमा’ नहीं लांघेंगे, उसे अपनी ‘सीमा’ में नहीं घुसने देंगे, जिंदा रहेंगे, देश की इम्‍युनिटी बढ़ाएंगे, यही है 2022 का सबसे बड़ा संकल्‍प - Delta, corona, omicron, coronavirus New year resolution
मान लीजिए आप मर चुके हैं, तो क्‍या आपके पास संकल्‍प लेने का कोई तरीका, कोई गुंजाईश है, नो, अ बिग नो

कोरोना ने हमें सिखाया कि अगर आपकी सांसें चल रही हैं तो आपकी दुनिया है, आपकी आंखों के सामने सबकुछ हैं, आपके हाथ में सबकुछ है। कुछ देर के लिए मान लीजिए कि आप मर चुके हैं, तो जाहिर है आप वो सब काम नहीं कर सकेंगे जो जिंदा रहते किए जा सकते हैं।

मसलन, भोजन करना, सोना, प्‍यार करना, दोस्‍त बनाना, इंटरनेट चलाना और वे तमाम काम जो हम जिंदा रहते करते हैं।

इसलिए, मेरे ख्‍याल से इस नए साल में जिंदा रहना ही सबसे बड़ा संकल्‍प होना चाहिए, आप जीवित हैं तो आपकी दुनिया है, अगर आप मर चुके हैं तो आपके पास यह दुनिया नहीं है जिसमें आप हैं, जिसे आप देख रहे हैं।
तो क्‍या किया जाए कि आपके नए साल का संकल्‍प, जिसमें जिंदा रहना सबसे पहली प्राथमिकता है वो पूरा हो सके। न सिर्फ जिंदा रहना, बल्‍कि‍ एक स्‍वस्‍थ्‍य शरीर के साथ इत्‍मिनान की सांस लेना, एक स्‍वस्‍थ्‍य जीवन जीना।
यह संक्रमण का युग है, पिछले दो साल में हमने इस त्रासदी का एक बड़ा दंश झेला है, हमने अपनों को खोया, दोस्‍तों को खोया, और खोते ही चले गए, हर दिन एक मौत को बल्‍कि कई मौतों को हमने देखा। एक सिलसिला सा चल पड़ा था। हम कुछ नहीं कर सकते थे, सिर्फ देख सकते थे अपनों को जाते हुए।

लेकिन इस सब के पीछे की वजह क्‍या थीं, स्‍पष्‍ट है कोरोना संक्रमण, लेकिन इसके साथ ही एक और वजह थी वो थी हमारी लापरवाही। हमारी अ-सर्तकता। असावधानी।

यह बात सही है कि एक संक्रमण ने हमें घेर लिया था, लेकिन बावजूद इसके हमारे पास इससे बचने के कई रास्‍ते थे। हम नियमों का पालन कर सकते थे, मास्‍क पहन सकते थे, वैक्सीन ले सकते थे, अपनी इम्‍युनिटी बढा सकते थे, हेल्‍थ को दुरुस्‍त रख सकते थे। कायदे में रहकर खुद को और दूसरों की जान बचा सकते थे।

लेकिन हममें से ज्‍यादातर नागरिकों ने ऐसा नहीं किया। हम बेवजह बाहर निकले, मास्‍क नहीं लगाए, वैक्‍सीन पर शक किया, और पूरी तरह से लापरवाही बरती।

अब इन सबके बाद जो लोग जिंदा है, उनके पास अभी भी नए संकल्‍प गढने का वक्‍त और मौका है, लेकिन जो मर चुके हैं, वे क्‍या और कहां सकंल्‍प लेंगे। बस, यही अंतर है, जीवित और मृत में।

हमारे पास अभी भी संकल्‍प लेने के लिए जिंदगी है, जिंदगी ही नहीं होगी तो संकल्‍प कब और कौन लेगा।
इसलिए आइए, संकल्‍प लीजिए साल 2022 के लिए। नियमों का पालन करेंगे, कोरोना संक्रमण को बुलावा नहीं देंगे। मास्‍क लगाएंगे। वैक्‍सीन के डोज पूरा करेंगे। वक्‍त पर जो भी गाइडलाइन और नियम लगाए जाएंगे, उनका पालन करेंगे।

खुद को हेल्‍दी रखेंगे, अपनों के स्‍वास्‍थ्‍य का ख्‍याल रखेंगे। इम्‍युनिटी बढ़ाएंगे अपनी भी और देश की भी।

खुद को जिंदा रखेंगे, चाहे संक्रमण कितना ही बड़ा क्‍यों न हो। चाहे वो डेल्‍टा हो या ओमिक्रॉन। या कोई और... हम अपनी सीमा नहीं लांघेंगे और उसे अपनी सीमा में घुसने नहीं देंगे। जिंदा रहेंगे, अपनों को जिंदा रखेंगे। यही है साल 2022 का सबसे बड़ा संकल्‍प।
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