मंगलवार, 26 नवंबर 2024
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सोशल मीडिया पर सबकी 'खबर' रखने-लेने वालों, कहीं आप अपने घर से तो बेखबर नहीं

सोशल मीडिया पर सबकी 'खबर' रखने-लेने वालों, कहीं आप अपने घर से तो बेखबर नहीं - blog on social media
अतीत कभी भी पीछा नहीं छोड़ता। वह वर्तमान के मार्ग में भविष्य के लिए अपने निशान छोड़ता चलता है। हम इन्हें मिटाना भी चाहें तो इन्हें अमिट बनाते हैं निठल्ले लोग। जिन्हें केवल निकम्मेपने के चलते कालिख पोतनी है सबके जीवन में। चाहे खुद के घर,परिवार और जीवन में कितना ही घनघोर अंधेरा और कुलटापने की कालिख चढ़ी पड़ी हो। ‘टीना डाबी’ ने क्या किया, क्या नहीं इसकी पूरी किताब इनके पास है। उसकी शादी, तलाक, शादी की कहानी। उसके पति की उम्र का हिसाब सभी पर इनको अपने मूर्खतापूर्ण विचार जाहिर करने हैं। क्रिकेटर लाल की बड़ी उम्र में कम उम्र लड़की से शादी इनके पेट में मरोड़े उठा रही।
 
 शशि थरूर के लड़कियों/महिलाओं के साथ के फोटो इनके मनोरंजन का साधन हैं। हरनाज, मानुषी छिल्लर का मोटापा इनकी आंखों की चर्बी की किरकिरी बन रहा। आलिया रणबीर की शादी में दोनों के खानदानों के ऐब भी साथ साथ उजागर होते रहे। 
 
‘जया भादुड़ी’ ने कुछ बोला तो अपने आप ही उसमें उसका पूरा परिवार, पीढियां और हां ‘रेखा’ को भी घसीटना शुरू हो जाएगा। ये अमिताभ के शुभचिंतक बन कर उभरते हैं, उसकी जिंदगी इस ‘खडूस जया’ ने नरक कर रखी होगी। कैसे झेलता होगा उसको।  इससे तो ये रेखा से शादी करता तो सुखी रहता। 
 
बताओ जो अमिताभ इनको दमड़ीसांटे नी जानता पूछता, उसने क्या करना था क्या नहीं उस पर इनके विचार सोशल मीडिया पर दुर्गन्ध मारते फिरते हैं। ऐसा ही हाल ऐश्वर्या और अभिषेक, केटरीना, सलमान के साथ भी है और सभी सेलिब्रिटीज नए हों या पुराने अपने अतीत के जाल में उलझाए जाते रहते हैं। नेता हों या अभिनेता, खिलाडी या कला संस्कृति के ज्ञाता, लेखक-वादक, आविष्कारक और भी कई... कोई भी इस काली कोठरी से बच नहीं पाया। देश के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी कोई भी हों सभी की मट्टीपलित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते ये ‘महाज्ञानी’ लोग। फिर यदि वो महिला हो तो इनकी जुबान सारे मसालों के साथ अपशब्दों की गार्निशिंग किए उसके सारे कर्मों का कच्चा-पक्का चिट्ठा ऐसे सोशल मीडिया पर उगलते हैं जैसे मुंह में धूल मिट्टी हो...देश तो ठीक है हम विदेशों में भी महिलाओं को कोसने से बाज नहीं आते। जबकि इन्हें पूछ कौन रहा है? ‘जेडा पिंकेट’ के लिए उसके पति ने ऑस्कर में तमाचा जड़ना चाहिए था या नहीं पर वो पति अपने विष-विचार उछालते हैं जो कभी भी अपनी पत्नी को सम्मान देना तो दूर, “आप” भी कहने में अपनी मर्दानगी की बेइज्जती मानते हैं। दिन रात उठते बैठते औरतों की दुर्गत करने वाले ये तथाकथित हितैषी सोशल मीडिया को “सुलभ शौचालय” में तब्दील कर चुके हैं वो भी ‘निशुल्क’।  ये लोग सेलिब्रिटी के बच्चों को भी नहीं बख्शते। 
 
 राहुल, प्रियंका गांधी, आमिर, सैफ के बच्चों के बिकनी फोटो पर आए इनके ‘शालीन विचार’ सभी ने पढ़े हैं भले ही इनके घरों में इनके बच्चे/महिलाएं किस गाने पर, क्या पहन कर, कितना पहन कर, कैसे क्या वायरल हो रहे इन्हें ही नहीं पता होगा। गंदे गंदे अश्लील गानों/ डायलॉग गांव-गांव, झोंपड़ी-झोपडी कहर ढा रहे।  किसी को कुछ भी कहने सुनने के पहले अपने घर आंगन में देख लें कहीं बीमारी वहां भी तो नहीं पनप रही। वरना दूसरों के घरों, लोगों के ऐब का मजा लेने में इतने व्यस्त न हो जाएं कि घर में ही (कु)लक्षण फूट जाएं।  और हम कह भी न पाएं कि अपने घर में आग अपने ही चिरागों से लगी। क्योंकि वे जो देखते हैं वही करते हैं।