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Last Updated : मंगलवार, 14 जनवरी 2025 (16:22 IST)

हिमालय बचाने निकला हरियाणवी युवक, कचरा बीनकर बना पहाड़ों का रखवाला

हिमालय बचाने निकला हरियाणवी युवक, कचरा बीनकर बना पहाड़ों का रखवाला - Pradeep Sanwan founder of Healing Himalayas
Pradeep Sanwan founder of Healing Himalayas: हिमालय के उंचे पहाड़ और खूबसूरत वादियां हमेशा से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन पर्यटन के बढ़ने के साथ हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण में भी इजाफा हुआ। प्रकृति को प्रेम करने का अर्थ सिर्फ उसे निहारना और उसकी सुंदरता का वर्णन करना  नहीं होता बल्कि संवेदनशील होकर प्रकृति को बचाने का प्रयास सच्चे प्रकृति प्रेमी की पहचान है। इसी विचार से प्रेरित होकर हरियाणा के रहने वाले प्रदीप सांगवान ने हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पहाड़ों को साफ-सुथरा रखने के लिए कमर कस ली।

प्रदीप सांगवान ने हिमाचल प्रदेश में कई कचरा संग्रह और छंटाई केंद्र स्थापित किए। वेबदुनिया हिंदी पर आइये आज पढिये हिमालय को बचाने निकले इस हरियाणवी युवक की प्रेरक कहानी।

हिमाचल प्रदेश से जुड़ा प्रेम
सांगवान का कहना है कि चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई के दौरान, वह हिमाचल प्रदेश के कुछ छात्रों के संपर्क में आए, जिनके साथ उन्होंने 2007-08 में राज्य में घूमना शुरू किया। 2009 में राज्य में आने के बाद, उन्होंने काफी यात्राएं कीं और इस दौरान उन्होंने लाहौल में ‘गद्दी’ (चरवाहा) समुदाय के लोगों के एक समूह से मुलाकात की। वे इस बात से प्रभावित थे कि कैसे, अत्यंत दूर-दराज के इलाके में भी, वे लोग अपने पर्यावरण का संरक्षण कर रहे थे।

हीलिंग हिमालय फाउंडेशन
उनकी फाउंडेशन ने दो साल पहले कुल्लू जिले के छितकुल के पास रकछम में अपना पहला कचरा संग्रह और छँटाई केंद्र स्थापित किया। इसके बाद मंसारी (कुल्लू), पूह (किन्नौर), ताबो (स्पीति) और नारकंडा (शिमला) में अन्य चार केंद्र स्थापित किए गए। रकछम केंद्र छितकुल के करीब है, जिसे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है।

पर्यटकों से बढ़ता खतरा
सांगवान का कहना है कि वे अक्सर ऐसे लोगों से मिलते हैं जो बीयर और अन्य कांच की बोतलों को लापरवाही से फेंक देते हैं। इस प्रकार का कचरा कभी-कभी मवेशियों के खुरों में फंस जाने से वे घायल हो जाते हैं।

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मणिमहेश यात्रा में स्वच्छता अभियान
सांगवान का कहना है कि इस साल हीलिंग हिमालय फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने मणिमहेश यात्रा के दौरान ठोस कचरा प्रबंधन की बढ़ती समस्या की दिशा में एक छोटा सा कदम उठाया और 3।5 टन बेकार सामग्री को वापस लाकर चंबा नगर निगम को सौंपा।

एक उद्देश्य के साथ यात्रा
सांगवान कहते हैं कि इसके साथ, हमारा लक्ष्य पर्यटकों को ‘एक उद्देश्य के साथ यात्रा’ करने के लिए संवेदनशील बनाना और प्राकृतिक परिवेश पर उनके कार्यों के प्रभाव के प्रति उन्हें अधिक जागरूक करना है।

प्रधानमंत्री ने की तारीफ 
प्रदीप सांगवान और उनकी टीम के काम की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में प्रदीप सांगवान और उनके काम की सराहना की है।

प्रदीप सांगवान की पहल हिमालय के संरक्षण के लिए एक सराहनीय प्रयास है। उनके इस काम से न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश को प्रेरणा मिल सकती है। उनके इस प्रयास से निश्चित ही पर्यटकों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है।