जिंदगी जीने का हौसला और उत्साह होना जरूरी है। कोरोना वायरस के चलते कई लोगों की जिंदगी उजड़ गई है तो कई लोग जीवन से संघर्ष कर रहे हैं। कई लोग हौसला हार गए हैं तो कई लोगों की जिंदगी में यह काल अवसर की तरह आया और वे जीत गए। आपको हम बताना चाहते हैं कि चाहे समय कठिन हो लेकिन यदि उसमें भी हौसला कायम है तो जीत आपकी ही होगी। आओ जानते हैं जीवन की 10 ऐसी प्रेरक बातें जो आपका हौसला बढ़ाएंगी।
1. कर्मवान बनो : जिंदगी भाग्य से नहीं चलती। भाग्य भी तभी चलता है जब कर्म का चक्का घुमता है। कर्मवान बनो भाग्यवान नहीं। कुछ ऐसे भी कर्म करना चाहिए, जो आपके भविष्य को उज्जवल बनाए। अत: इस जीवन में जितना हो सके, उतने अच्छे कर्म कीजिए। एक बार यह जीवन बीत गया, तो फिर आपकी प्रतिभा, पहचान, धन और रुतबा किसी काम नहीं आएंगे।
2. समय की कद्र करो : जीवन जीने की कला अक्सर वे लोग तब सीख पाते हैं जबकि जीवन बीत चुका होता है। किशोर कुमार का गाना है कि जब तक मैंने जाना जीवन क्या है जीवन बीत गया, जब तक मैंने समझा जीवन क्या है जीवन बीत गया जीवन बीत गया। इंसान की जिंदगी जन्म और मौत के बीच की कड़ी-भर है। यह जिंदगी बहुत छोटी है। कब दिन गुजर जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा इसलिए प्रत्येक दिन का भरपूर उपयोग करना चाहिए।
3. विषम परिस्थिति को बनाएं अपने अनुकूल : जब पांडवों को वनवास हुआ तो उन्होंने वनवास की विषम परिस्थिति में भी समय को व्यर्थ नहीं गवांया। इस दौरान उन्होंने जहां अपने लिए राज समर्थन बढ़ाया वहीं उन्होंने तप और ध्यान करके खुद को शक्तिशाली भी बनाया। इसी वनवास में उन्हें वह सबकुछ हासिल हुआ जो महल में रहकर कदापि नहीं हासिल हो सकता था। इसीलिए यह जरूर जानें कि परिस्थिति कैसी भी हो परंतु उसे अपने अनुकूल बनाया जा सकता है।
4. जिंदगी को बनाओ उत्सव : जिंदगी एक उत्सव है, संघर्ष नहीं। यदि आप अपनी जिंदगी को संघर्ष समझते हैं तो निश्चित ही वह संघर्षमय होने वाली है। हालांकि जीवन के कुछ मोर्चों पर व्यक्ति को लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। जो व्यक्ति लड़ना नहीं जानता, युद्ध उसी पर थोपा जाएगा या उसको सबसे पहले मारा जाएगा। उसी के जीवन में संघर्ष भी होगा।
5. अपनी लड़ाई खुद लड़ो : यदि तुम यह सोचते हो कि तुम्हें कोई मदद करने आएगा तो यह बात दिमाग से निकाल लो, क्योंकि अधिकतर मोर्चों पर अपनी लड़ाई खुद ही लड़ना पड़ती है। अकेले ही जीने और करने की ताकत पैदा करो, किसी के भरोसे मत रहो। जो व्यक्ति ऐसा करने की क्षमता नहीं रखते हैं वे संघर्ष या संकटकाल में जल्दी ही हार जाते हैं। समय की नजाकत को समझते हुए सावधान और सतर्क रहना सीखें।
6. अपनी गलतियों का दोष दूसरों पर मत मढ़ों : कई लोग होते हैं जो जीवन में असफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि फलां के कारण में असफल हो गया या परिवार के कारण असफल हो गया। अपनी गलतियों और कमजोरियों को छुपाने के लिए कुछ ना कुछ कारण ढूंढकर दूसरों पर दोष देते रहते हैं। कई ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि भाग्य ने साथ नहीं दिया, ईश्वर ने मेरी सुनी नहीं। यह सब आपकी कमजोरी है। अपनी गलतियों को स्वीकार करो और उन्हें सुधारों। इससे आपके भीतर हौसला बढ़ेगा। गलतियां स्वीकार करना भी साहसिक कार्य होता है। जो काम करता है गलतियां उसी से होती हैं। गलतियां करना गलत नहीं है उसे रिपिट करना गलत है। गलतियों से सबक लें और आगे बढ़ें।
7. पारिवार से मिलता है हौसला : आपने पांडवों का जीवन तो देखा ही होगा। पांचों पांडवों में एक दूसरे के प्रति प्यार, सम्मान और एकजुटता थी। पांडव जहां जाते थे साथ रहते थे। सभी एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते रहते थे। यही कारण था कि वे 100 कौरवों को पराजित कर सके। आपको भी यही करना चाहिए। अपने परिवार का हौसला बढ़ाना चाहिए। दूसरों का हौसला बढ़ाओगे को खुद का भी बढ़ेगा।
8. दुनिया बहुत खूबसूरत है : मनुष्य योनी का जीवन बहुत कठिनाइयों से प्राप्त होता है। इस जीवन को जितने अच्छे तरीके से जी सके उतना अच्छा है, क्योंकि मनुष्य ही समझ सकता है कि यह संसार, यह प्रकृति कितनी खूबसूरत है। जब तक इसका भरपूर तरीके से लुफ्त नहीं उठाया जाता तब तक जीने का हौसला कायम रखें। यह जंगल, पहाड़, नदियां और समुद्र कितने सुंदर है इसका अंदाजा आप लगा नहीं सकते तब तक कि जब तक आप इनके सानिध्य में नहीं रहते और जीवन का महत्व नहीं समझते हो।
9. आप क्यों जीना चाहते हैं: आपको खुद से यह प्रश्न करना चाहिए कि आप क्यों जी रहे हैं या क्यों जीना चाहते हैं? यदि आपके पुत्र या पुत्री है तो आपको जीने के हौसले को और भी बुलंद रखना चाहिए क्योंकि उनकी जिंदगी अभी आपकी जिम्मेदारी है। यदि आप पुत्र हैं तो आपको यह सोचना चाहिए कि मुझे भी अपने माता-पिता, भाई-बहन के लिए अभी कुछ कर के देना है। कहीं ऐसा ना हो कि माता पिता गुजर जाएं और आप बाद में पछताएं कि अरे! मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सका जबकि उन्होंने मेरे लिए सबकुछ किया। इसी तरह आपको अपनी पत्नी और बेटी के लिए भी जीना है।
10. पैदा करो जीने की चाहत तो बढ़ेगा जीने का हौसला : जीने की चाहत उसमें होती है जो यह जानता है कि कितनी खूबसूरत है दुनिया और कितने खुबसूरत हैं रिश्ते और नाते। किसी का किसी के लिए तो जीने की चाहता पैदा करो। जीने की चाहत ही सबसे बड़ी ताकत है। जीवन को भरपूर तरीके से जीना, इंजॉय करना, मौज मस्ती करना, घूमना फिरना, अच्छे अच्छे पकवानों का स्वाद चखना और हमेशा हंसते रहना ही तो जीवन है।
टिप्स : योग में कहा गया है कि मौन से मन की शक्ति का विकास होता है। देखने और समझने की क्षमता बढ़ती है और संयम का जन्म होता है। दिन के 12 घंटे में सिर्फ एक घंटे के लिए मन के भीतर की प्रत्येक गतिविधि को रोक दें। इससे आपके भीतर जीने की तमन्ना के साथ ही जिंदगी जीने का हौसला भी बढ़ेगा।