गांव को गांव के चश्मे से देखने वाला शो 'हमारा गांव कनेक्शन'
-शिवेंद्र कुमार सिंह
लीजिए, मीडिया दुनिया में अब पढ़िए- एक पत्रकार की एक अजब-गजब कहानी। यह हैं नीलेश मिश्रा। भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली से पढ़े नीलेश पिछले कुछ सालों से एक खास कनेक्शन में व्यस्त हैं । नाम है- गांव कनेक्शन। इस नाम से अखबार तो जारी है ही, अब यह जुड़ गया है दूरदर्शन से भी। आज किस्सागो नीलेश नहीं हैं, आज किस्सा सुनाएंगे - एक और खास पत्रकार शिवेंद्र सिंह। टीवी की मोटी तनख्वाह की नौकरी छोड़ कर वे भी अब जुड़ गए हैं- गांव कनेक्शन से। -वर्तिका नंदा ...
कि ग्रामीण भारत के पास अब अपना खुद का टीवी कार्यक्रम है। एक स्वाभाविक अकड़ जैसी ‘फीलिंग’ आती है ना इस वाक्य में कि अपना खुद का टीवी कार्यक्रम है। अपना खुद का...इसीलिए जब नीलेश मिश्र इस कार्यक्रम का टाइटल सांग लिखते हैं तो उसमें शब्द भी आते हैं रंगबाज़ी और ऐंठन...
बातें करते सीधी सच्चीऔर अमिया खाते हैं कच्चीचले हाईवे पर फर्राटे सेपगडंडी भी लगती अच्छीचौपाल पे बोले है बेटवाहम सीखेंगे इंटरनेटवाहमरी ये रंगबाजी हैहममें थोड़ी ऐंठन है,अपना गांव कनेक्शन है...गांव कनेक्शन से जुड़ने के बाद पिछले दिनों नीलेश के साथ मैं भी दूरदर्शन में एक इंटरव्यू के लिए गया था। नीलेश को जानता तो पिछले 12-13 साल से था, लेकिन उस दिन एक कमाल की बात पता चली। पत्रकार, लेखक, गीतकार, गायक और एंकर (कुछ छूट गया हो तो सखेद माफी) भाई नीलेश मिश्र ने गांव कनेक्शन शुरू करने के लिए अपना एक घर ही बेच दिया। सुना तो हमने भी था कि कुछ बड़ा करने के लिए ‘रिस्क’ उठाना पड़ता है, लेकिन जनाब ये तो कुछ जरूरत से बड़ा रिस्क नहीं हो गया। खैर, पहले गांव कनेक्शन अखबार शुरू हुआ और अब गांव कनेक्शन का टीवी शो भी शुरू हो गया है। हर सोमवार और मंगलवार दूरदर्शन पर रात 8 बजे।
नीलेश बताते हैं 'बतौर पत्रकार मैंने देश के तमाम गांवों का सफर किया। इस दौरान तमाम अनुभव हुए। कई नई बातें पता चलीं, गांव का बदलता ट्रेंड देखने को मिला। ये भी लगा कि इन बदलावों को आम जनता तक कैसे पहुंचाया जाए, क्योंकि गांव की खबरें टीवी पर नहीं आती...अखबार में नहीं छपती। इसी सोच ने पहले गांव कनेक्शन अखबार और फिर गांव कनेक्शन टीवी शो की शुरुआत कराई।'1.2
बिलियन की आबादी वाले देश की 830 मिलियन लोग गांवों से हैं। ऐसे में हमारा गांव कनेक्शन सिर्फ गांव की परेशानियों को उजागर करने का मंच नहीं है। बल्कि ये मंच है गांव के किस्से कहानियों को सुनाने का। सफलता की कहानी, हिम्मत की कहानी, हौसले की कहानी, किसी एक किसान के प्रयोग की कहानी, किसी एक औरत के जज्बे की कहानी। गांव कनेक्शन ने इन कहानियों के जरिए गांवों के स्टार खोजने शुरू कर दिए।