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वागर्थ
प्रकाशक : नंदलाल शाह संपादक : विजय बहादुर सिंहसंपादकीय कला के निहितार्थ : संदर्भ स्लमडॉग ऑस्कर की राजनीति मृणाल सेन : निश्चिन्दीपुर भी बेहाल है अब ऑस्कर के लिए के.बिक्रम सिंह : मसाला मिलियनेयर शशांक दुबे : जय हो का प्रमोशनल अत्याचारनज़्म : रहबर जौनपुरी : गंगाआलेखरघुवंश मणि : समकालीन हिन्दी कविता में राम और अयोध्याविनोद शाही : भाषा, ईश्वर और देरिदाकथा-विमर्शभालचंद्र जोशी : कुछ चिंता कुछ संदेहकविता नीलेश रघुवंशी : चिड़िया की आँख से, झुंड, माला, सड़क, यूटोपियास्मृति शेष : वीरा वेणुगोपाल : ज्वालामुखी : तेलुगु प्रगतिशील कविता के प्रकाश स्तम्भस्मरणकनक तिवारी : नवजागरण का पहला राष्ट्रकवि : डेरोजियोसंस्मरण कृष्ण बिहारी मिश्र : गाँव के आदमी का माटी-मनशब्द-चित्रकुसुम खेमानी : एक शख़्स कहानी-सा विश्व-साहित्य : पत्रफ्योदोर मिखाइलोविच दॉस्तोयेव्स्की : मृत्युदंड सुनाया जा चुका था...भाषान्तर अहमद शामलू : स्रोत, तुम्हारे लिए कि तुम्हारा इश्क जिंदगी है रमानाथ राय : हर्जाना वित्त विचार गिरीश मिश्र : आर्थिक संकट : इतिहास के झरोखे सेकहानीयादवेंद्र शर्मा 'चंद्र' : भीतरी सन्नाटेमनोहर चमोली 'मनु' : कंचन का पेड़ अखिलेश शुक्ल : मुन्ना शायर...मूल्यांकन भूपेंद्र कलसी : चित्रा मुद्गल का कथा-साहित्य : मानवीय संवेदना की मौलिक अभिव्यंजना कविताराजेंद्र कुमार : ओसामा बिन लादेन, आतंकवादीध्रुव शुक्ल : सुंदर और नश्वर, सांध्य समाचार, वधिक का गीत, सूख गई जो यहाँ कभी थी एक नदीगीत हरीश भादानी : सड़कवासी राम!, जो समझे हैं वे ऐसा बोलें, सात सुरों कोयश मालवीय : सुनहली भोर लिखना, शब्द की तितलियाँ, रोशनी की बारिशें हैं ग़ज़ल आलोक त्यागी : तीन गजलें वीरेंद्र खरे 'अकेला' : दो गजलें परख मदन कश्यप : बोली बात (कविता संग्रह) : श्रीप्रकाश शुक्लसुधीर रंजन सिंह : अनंत का छंद (तत्वशास्त्रीय विमर्श) : प्रसन्न कुमार चौधरीअरुण नारायण : पानी की लकीर (उपन्यास) : उषाकिरन खानसांस्कृतिक गतिविधियाँ झरोखा मूल्य : 20 रुपए