हालांकि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तब आया है, जब मध्यप्रदेश में उपचुनाव का प्रचार पूरी तरह समाप्त हो चुका है। 3 नवंबर को राज्य की 28 सीटों पर वोटिंग होगी।
कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटाने संबंधी चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कमलनाथ की ओर से प्रस्तुत याचिका में कहा गया था कि आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
याचिका में कहा गया कि किसी व्यक्ति को स्टार प्रचारक के रूप में शामिल करना पार्टी का अधिकार है और चुनाव आयोग इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।