शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. मध्यप्रदेश
  4. Geeta, Indore, sign language expert
Written By
Last Modified: शनिवार, 3 फ़रवरी 2018 (23:08 IST)

गीता की मुलाकात सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ से कराई

गीता की मुलाकात सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ से कराई - Geeta, Indore, sign language expert
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के कलेक्टर कार्यालय में पाकिस्तान से भारत लाई गई मूकबधिर सुश्री गीता की मुलाकात शनिवार को सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ पुरोहित दंपति से कराई गई। गीता इंदौर के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में सवा दो वर्षों से अधिक समय से रह रही है।


इंदौर जिला कलेक्टर निशांत बरवड़े ने मुलाकात कराने की पुष्टि करते हुए बताया कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन में गीता की मुलाकात सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित और उनकी पत्नी मोनिका पुरोहित से कराई गई है।

गीता इंदौर के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में सवा दो वर्षों से अधिक समय से रह रही है। मध्यप्रदेश पुलिस सहायता केंद्र के संयोजक ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि वे प्रारंभ से ही गीता के माता-पिता को तलाश किए जाने पर जोर देते रहे हैं। इस संबंध में वे विदेश मंत्रालय को आगामी कार्ययोजना की जानकारी दे चुके हैं।

उन्होंने संकेत दिए कि इसी तारतम्य में उनकी मुलाकात आज गीता से कराई गई है। मूकबधिरों के मानसिक व्यवहार की विशेषज्ञ श्रीमती मोनिका पुरोहित ने बताया कि गीता के मन में माता-पिता के अब तक न मिलने से निराशा है। लिहाजा उसके माता-पिता को युद्धस्तर पर तलाश किए जाने की आवश्यकता है।

श्रीमती पुरोहित ने कहा कि भरपूर प्रयास करने के बावजूद यदि गीता के माता-पिता नहीं मिलते हैं, तब इस संबंध में दिव्यांगजन को पुनर्वासित करने के लिए दो आदर्श वैज्ञानिक विधियां हैं। मूकबधिरों और अन्य दिव्यांगों के लिए समुदाय आधारित पुनर्वास और संस्थागत आधारित पुनर्वास दो आदर्श विधियां हैं।

गीता को फ़िलहाल संस्थागत आधारित पुनर्वास विधि अनुसार रखा जा रहा है। किन्तु उसके मस्तिष्क पर प्रतिकूल असर दिखाई दे रहा है। पुरोहित दंपति ने बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजन को समाज में पुनर्वासित करने के लिए समुदाय आधारित पुनर्वास विधि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि इसके तहत दिव्यांग समाज में उठता-बैठता है और अपने आपको सामान्य महसूस करता है।

पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता 26 अक्टूबर 2015 से यहां रह रही है। अब तक 15 से अधिक परिवारों ने उसके माता-पिता होने का दावा किया है। कई परिवारों के डीएनए नमूने भी लिए गए, लेकिन उनका मिलान गीता के डीएनए से नहीं हो सका है।
ये भी पढ़ें
रिलायंस करेगी असम में 2500 करोड़ रुपए का निवेश