शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. fir registered against digvijay singh under several sections of ipc including intentionally insulting religious sentiments
Written By
Last Updated : मंगलवार, 12 अप्रैल 2022 (23:08 IST)

विवादित ट्वीट मामले में दिग्विजय सिंह पर भोपाल में FIR, धार्मिक उन्माद फैलाने का मामला दर्ज

digvijay singh
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आज संवेदनशील मुद्दे पर विवादित ट्वीट के बाद भोपाल पुलिस की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) ने धार्मिक उन्माद फैलाने और अन्य धारों के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली।
 
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्य के खरगोन जिले में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित अनेक ट्वीट आज किए और इसी दौरान एक फोटो भी ट्वीट किया था जिसमें दिखाई दे रहा है कि धारदार हथियार और भगवा धारण किए कुछ व्यक्ति एक मस्जिद पर भगवा फहरा रहे हैं।
 
इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया और कहा कि दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के माध्यम से गलत जानकारी दी है और भगवा झंडा फहराने का जो फोटाे ट्वीट किया है, वह मध्यप्रदेश का नहीं है। चौहान ने इसके साथ ही सिंह पर धार्मिक उन्माद फैलाने के षड़यंत्र का आरोप लगाया। चौहान ने यह भी कहा था कि प्रदेश काे दंगे की आग में झोंकने की साजिश है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हो सकती है। हालाकि दिग्विजय सिंह ने ट्वीट से इस फोटो को कुछ समय बाद हटा लिया था।
 
भोपाल निवासी प्रकाश पांडे नाम के व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने यहां दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 58/22, 153ए (1), 295ए, 465 और 505(2) आदि के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण जांच में ले लिया है। शिकायतकर्ता ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट के स्क्रीनशॉट और अन्य दस्तावेज भी पुलिस को सौंपे हैं। शिकायत में कहा गया है कि दिग्विजय सिंह ने कूटरचित रचनाओं के आधार पर ट्वीट करके और खरगोन की घटनाओं के संदर्भ में हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। साथ ही विभिन्न संप्रदायों और वर्गों में वैमनस्यता का वातावरण बनाने का प्रयास किया है।
 
शिकायत में कहा गया है कि दिग्विजय सिंह द्वारा ट्वीट किया गया फोटो मूलत: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है। और इसे मध्यप्रदेश के खरगोन से जोड़कर ट्वीट कर दिया गया। फेब्रीकेटेड फोटो पोस्ट की गई है। इसलिए इन सभी मामलों में वैधानिक कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद आज दिनभर भाजपा नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर एक तरह से चुप्पी साधकर इस मामले से अलग कर लिया है।
 
इसके पहले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के विवादित ट्वीट के मामले में वैधानिक कार्रवाई के संबंध में सरकार विधिविशेषज्ञों से राय ले रही है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह भ्रम फैलाकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देना चाहते हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर मस्जिद में झंडा फहराने की जो तस्वीर पोस्ट की है, वो मध्यप्रदेश की नहीं है।
 
मिश्रा ने कहा कि सिंह इसके पहले मध्यप्रदेश की सड़क के मामले में भी गलत जानकारी दे चुके हैं। वे अक्सर ऐसा करते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सवाल इस बात का नहीं है कि दिग्विजय सिंह ने ट्वीट हटा लिया है। बात यह है कि वे बार बार भ्रम क्यों फैलाते हैं।
 
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब 'दिग्विजय सिंह जी के शांतिदूतों' ने रामनवमी के जुलूस पर पत्थर फेंके, तब तो उन्होंने ट्वीट कर कोई सवाल खड़ा नहीं किया। अब जब दंगाइयों (खरगोन) पर कार्रवाई कर रहे हैं तो दिग्विजय सिंह को पीड़ा हो रही है।
 
मिश्रा ने यह भी कहा कि चाहे भोपाल और रतलाम में पकड़े गए आतंकी हों या खरगोन के दहशतगर्द, ए सभी टुकड़े टुकड़े गैंग के स्लीपर सेल हैं और प्रदेश सरकार इन्हें चैन से नहीं बैठने देगी। खरगोन मामले में 90 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और यह कार्रवाई जारी है।
 
मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर भी निशाना साधा और कहा कि खरगोन की घटना से कमलनाथ और कांग्रेस का असली चेहरा उजागर हुआ है। रामनवमी के जुलूस पर पत्थर फेंके जाने को लेकर कमलनाथ कुछ नहीं बोल रहे हैं और उनकी पार्टी का जो ट्वीट आया है, वो भी दंगाइयों के पक्ष में है।
ये भी पढ़ें
खरगोन में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली, क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन