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Last Updated : शुक्रवार, 10 मई 2024 (20:10 IST)

माया मिली न राम! अ‍क्षय बम और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

कांग्रेस उम्मीदवार बनने के बाद अक्षय ने नामांकन लिया था वापस

माया मिली न राम! अ‍क्षय बम और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट - Arrest warrant against Akshay Bam and his father Kanti Bam
Arrest warrant against Akshay Bomb: इंदौर के एक सत्र न्यायालय ने हत्या के कथित प्रयास के 17 साल पुराने मामले में स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ शुक्रवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। बम, कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok Sabha seat) से अपना पर्चा वापस लेकर भाजपा का दामन थामने के कारण चर्चा में हैं। दरअसल, भाजपा में शामिल होने वाले बम की हालत को देखकर यही कहा जा सकता है कि माया मिली न राम। 
 
लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने बताया कि बम और उनके पिता को हत्या के कथित प्रयास के मामले में सत्र न्यायालय के सामने हाजिर होना था, लेकिन उनके वकील ने अदालत में आवेदन पेश किया कि उनके पक्षकारों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए। ALSO READ: बुरे फंसे बम! अक्षय को कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इंकार
 
पुलिस को दिए गिरफ्तारी के आदेश : राठौर ने बताया कि आवेदन में कहा गया कि बम ‘आवश्यक कार्य’ से शहर से बाहर हैं, जबकि उनके पिता की तबीयत खराब होने के चलते चिकित्सकों ने उन्हें आराम की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि सत्र न्यायालय ने पिता-पुत्र का आवेदन निरस्त करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करके 8 जुलाई तक पेश करने का आदेश दिया।
 
लोक अभियोजक के मुताबिक, अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों को शुक्रवार को पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वे उपस्थित नहीं हुए और वे भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के मामले में फिलहाल जमानत पर नहीं हैं। ALSO READ: लालच या डर? इंदौर में मैदान छोड़ने के बाद क्या बोले अक्षय बम
 
नहीं मिली थी अग्रिम जमानत : इससे पहले, सत्र न्यायालय ने हत्या के कथित प्रयास के मामले में बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से तीन मई को इनकार कर दिया था। इंदौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने पीड़ित पक्ष की अर्जी पर बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले एक व्यक्ति पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का 24 अप्रैल को आदेश दिया था। ALSO READ: NOTA के समर्थन में फोन कर रहे लोग, BJP ने जो किया, अक्षय बम के मैदान छोड़ने पर क्या बोलीं सुमित्रा महाजन
 
इस तरह बढ़ी बम की मुश्किल : जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को सत्र न्यायालय के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था। इस आदेश के महज 5 दिन बाद बम ने इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने का कदम उठाया था। जिस अर्जी पर बम की कानूनी मुश्किलें बढ़ी हैं, वह इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी घोषित होने के महज 13 दिन बाद 5 अप्रैल को दायर की गई थी। बम को 23 मार्च की देर रात घोषित सूची में कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया था।
 
2007 में हुई थी एफआईआर : पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के खिलाफ यूनुस पटेल नाम के व्यक्ति पर 4 अक्टूबर 2007 को जमीन विवाद में हमले करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी भारतीय दंड विधान की धारा 294 (गाली-गलौज), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकाना) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी।
 
पटेल का आरोप है कि घटना के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर बंदूक से गोली भी दागी थी। गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की बाद में मौत हो गई थी, जबकि मामले के दो अन्य आरोपी सोहन उर्फ सोनू और मनोज पहले से फरार हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala