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Written By WD

मध्यप्रदेश में तीसरी ताकत हुई दरकिनार

मध्यप्रदेश में तीसरी ताकत हुई दरकिनार -
मध्यप्रदेश की तेरहवीं विधानसभा चुनाव के चुनाव नतीजों के विश्लेषण से यह बात साफ तौर पर उभरकर आई कि यहाँ के मतदाताओं ने तीसरी शक्ति की संभावनाओं को एक बार फिर पूरी तरह नकार दिया है।

चुनाव अभियान के दौरान मतदाताओं की एक अजीब-सी खामोशी दिखाई दी थी। इसके बाद राज्य में सबसे अधिक मतदान (69.35 प्रतिशत) के बाद राजनीति के जानकारों ने यह कयास लगाना शुरू कर दिया था कि नतीजों में किसी एक दल की सरकार बनने की संभावना काफी कम है। कयास लगाए गए थे कि तीसरी शक्ति के रूप में विभिन्न दल उभर सकते हैं।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में गुटबाजी, विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को बेहतर ढंग से नहीं उठाने और महँगाई व आतंकवाद जैसे मामलों को लेकर लोगों में नाराजगी की वजह से विश्लेषकों का अनुमान था कि कांग्रेस को भी मतदाता शायद ही स्पष्ट बहुमत देंगे। चुनाव नतीजे सामने आने पर सभी के अनुमान धरे रह गए।

विश्लेषकों का कहना है कि राज्य की 230 सीटों में से भाजपा को 142, परंपरागत प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को 71 और निर्दलीय समेत अन्य दलों को मात्र 16 सीटें देकर मतदाताओं ने एक बार फिर अपने मंतव्य को साफ तौर पर जाहिर कर दिया है कि वह कथित तीसरी शक्ति या मोर्चे के पक्ष में नहीं हैं।

बसपा ने अपनी संभावनाओं को खंगालते हुए लगभग एक वर्ष पहले ही सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ब्राह्मण सम्मेलन और इसी तर्ज पर अन्य जातियों के सम्मेलनों की झड़ी लगा दी। इसी तरह भाजपा से खार खाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की पार्टी (भाजश) ने भी जमकर तैयारियाँ कीं और उनके दावे भी बसपा की ही तरह कभी इस बात से कम नहीं हुए कि मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

नतीजों को देखकर लगता है कि शायद राज्य की जनता को "सत्ता की चाबी" किसी एक या कुछ छोटे दलों को सौंपना कतई पसंद नहीं है। चुनाव नतीजों के तुरंत बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पराजय को विनम्रता के साथ स्वीकार कर रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने का भरोसा दिलाया, लेकिन बसपा, भाजश और सपा शायद परिणामों को देखकर एकदम प्रतिक्रिया व्यक्त करने की स्थिति में भी नहीं दिखे।

राज्य में परिसीमन के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनावों में 3 करोड़ 63 लाख से अधिक मतदाताओं में से 69.35 प्रतिशत महिलाओं, पुरुषों ने मताधिकार का उपयोग किया, जो अब तक का सबसे अधिक है।