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Written By ND
Last Modified: जबलपुर , गुरुवार, 9 अप्रैल 2009 (10:50 IST)

प्रीपीजी मामले में नोटिस

प्रीपीजी मामले में नोटिस -
बुधवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल मेडिकल कॉलेजेस और प्रवेश एवं फीस निर्धारण कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

इसके लिए आगामी सुनवाई तिथि 16 अप्रैल तक का समय दिया गया है। मामला प्रीपीजी प्रवेश नियम-2009 की संवैधानिक वैधता को चुनौती से संबंधित है।

गत गुरुवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा व आरके गुप्ता की खंडपीठ ने उपमहाधिवक्ता कुमारेश पाठक को निर्देशित किया था कि वे राज्य शासन से इंस्ट्रक्शन प्राप्त करके अवगत कराएँ। इसके परिपालन में बुधवार को जानकारी दी गई कि प्रीपीजी संबंधी अन्य मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से विचाराधीन है।

इस बिन्दु को दृष्टिगत रखते हुए हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम आदेश पारित किया जाना उचित नहीं समझा। इसी के साथ अनावेदकों से जवाब-तलब करते हुए सुनवाई आगे ब़ढ़ा दी।

जनहित याचिकाकर्ता मॉडर्न डेंटल कॉलेज इंदौर व गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा व रोहित आर्या ने पक्ष प्रस्तुत किया। शासन की ओर से महाधिवक्ता रविनंदन सिंह व उपमहाधिवक्ता विजय शुक्ला मौजूद रहे। कमेटी का पक्ष पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा।

क्या है मामला : याचिका में आरोप है कि सरकार ने हाईकोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद पुराने ढर्रे पर काउंसिलिंग कमेटी का गठन किया है। महिला व विकलांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान भी थोपा गया है। अन्य प्रदेशों के मेडिकल-डेंटल स्नातकों को प्रीपीजी परीक्षा में शामिल न किए जाने का अनुचित निर्णय लिया है। वेटिंग लिस्ट बनाने पर भी रोक लगा दी है।