कमलनाथ-दिग्विजय की कुर्ता फाड़ पॉलिटिक्स से क्या ठंडी पड़ेगी बागवत की आंच?
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की ओर से टिकटों का एलान होने के बाद दोनों ही पार्टियों में टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। टिकट नहीं मिलने से खुलकर बागवत करने वाले टिकट के दावेदार स्थानीय स्तर से लेकर राजधानी भोपाल में पार्टी कार्यालयों और नेताओं के बंगलों पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इस बीच कांग्रेस में बगावत का डैमेज कंट्रोल करने के साथ-साथ 'कुर्ता फाड़' पॉलिटिक्स का नजारा देखने को मिल रहा है।
दतिया के बागियों का भोपाल में प्रदर्शन-मंगलवार को दतिया से कांग्रेस के टिकट के दावेदार राजेंद्र भारती के समर्थकों ने पार्टी के वचन पत्र जारी करने पहुंचे पार्टी के बड़े नेताओं के खिलाफ मकर नारेबाजी की। दतिया से आए राजेंद्र भारती के समर्थकों ने पार्टी के घोषित प्रत्याशी अवधेश नायक को संघ का एजेंट बताते हुए टिकट देने का विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर अवधेश नायक का टिकट नहीं बदला गया तो वह पार्टी से सामूहिक रुप से इस्तीफा दे देंगे।
दरअसल दतिया विधानसभा सीट से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने पैराशूट उम्मीदवार अवधेश नायक को चुनावी मैदान में उतराने के बाद कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती के समर्थक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। अवधेश नायक के टिकट का एलान होते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए अवधेश नायक का पुतला जलाया था।
टीकमगढ़ में भी बगावत-बुंदेलखंड में भी कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ा है। टीकमगढ़ से आने वाले कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अजय यादव ने पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी को पिछड़ा वर्ग का विरोधी बताया है। अजय यादव ने आरोप लगाया कि पार्टी ने टीकमगढ़ से जिन तीनों प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है वह सामान्य वर्ग से आते है और पिछला चुनाव बड़े अंतर से हार चुके है।
छत्तरपुर में विरोध प्रदर्शन-बुंदेलखंड के छत्तरपुर जिले में भी कांग्रेस का विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने बिजावर से चरण सिंह को उम्मीदवार बनाया है जिसके विरोध में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चरण सिंह को बाहरी उम्मीदवार बताते हुए कहा कि पार्टी ने अपराधी छवि वाले व्यक्ति को टिकट दिया है,जिस पर छतरपुर पुलिस ने 10 हजार का ईनाम घोषित कर रखा है। ऐसे में अपराधी छवि वाले व्यक्ति को टिकट देने से पार्टी को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ग्वालियर में भी बगावत- 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई थी लेकिन इस बार पार्टी को वहां भी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस की ओर ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से दबंग और माफिया छवि वाले साहब सिंह गुर्जर को टिकट देने के विरोध में टिकट के दूसरे दावेदार केदार कंसाना ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पिछले दिनों ग्वालियर में गुर्जर आंदोलन में आरोपी बनाए गए साहब सिंह 2018 का चुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साहब सिंह गुर्जर पर गुर्जर आंदोलन में FIR के साथ जमीन कब्जाने सहित कई अन्य मामले दर्ज है।
बगावत के बीच कुर्ता फाड़ पॉलिटिक्स!-कांग्रेस में जहां बगियों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है। वहीं सूबे में कांग्रेस के दो सबसे बड़े नेता कमलनाथ औऱ दिग्विजय सिंह भी आमने सामने है। सोशल मीडिया पर कमलनाथ के दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। वायरल वीडियो में कमलनाथ कहते हुए दिखाई दे रहे है कि अगर दिग्विजय सिंह आपकी बात ना सुने तो उनके कपड़े फाड़ दीजिए।
मंगलवार को कांग्रेस का वचन पत्र जारी करने पहुंचे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के मंच पर भी इस वीडियो की चर्चा हुई।
कमलनाथ ने कहा उन्होंने दिग्विजय को बहुत पहले गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी और यह आज तक वैलिड है। कमलनाथ ने मीडिया से भी कहा कि अगर वह आपकी बात ना मानें तो आप भी इनके कपड़े फाड़े। कमलनाथ के इस बयान पर दिग्विजय सिंह ने टोकते हुए कहा कि फॉर्म ए और फॉर्म बी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साइन होते है,तो कपड़े किनके फटने चाहिए। हलांकि कमलनाथ ने कहा कि उनका और दिग्विजय सिंहं का संबंध पुराना है और दोनों के बीच हंसी माजक चलता रहता है।
दरअसल विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहल शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा सीट से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी से चुनावी मैदान में उतारेगी लेकिन पार्टी ने पिछोर से कांग्रेस विधायक केपी सिंह को शिवपुरी से टिकट दे दिया। इसके बाद वीरेंद्र रघुवंशी और उनके समर्थक लगातार विरोध दर्ज करा रहे है। वीरेंद्र रघुवंशी अपना दर्द बयां करने कमलनाथ के सामने भी पहुंचे थे तब कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहरा दिया।
ऐसे मेंं जब कांग्रेस को ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखड़ में टिकट बंटवारे के बाद सबसे अधिक विरोध का सामना करना पड़ा है और दिग्विजय सिंह के इन दोनों ही इलाकों में गहरी पैठ है तब सवाल यह है कि कांग्रेस के इन दोनों बड़े नेताओं की कुर्ता फाड़ पॉलिटिक्स से बगावत की आंच कम होगी।