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Written By ND

आप भी सख्त दिल हो जाएँ!

न आँसू बहा, न फरियाद कर

रोमांस इश्क प्रेम प्यार मोहब्बत लव
- मानसी

हेलो दोस्तो! एक व्यक्ति जो हर हाल में उम्मीद की आखिरी आस भी नहीं छोड़ता, उसे बहुत ही अच्छा माना जाता है। कहते हैं यह स्वस्थ मानसिकता की निशानी है पर जिस चीज का अस्तित्व ही न हो उसकी चाहत व आशा और इंतजार करना मन के बीमार होने के लक्षण हैं। किसी मृत भावना को जिंदा करने के लिए आप जितना भी सीना कूटें, सूली पर चढ़ने का ड्रामा करें, अपने त्याग और तपस्या की दुहाई दें उसका कोई भी प्रभाव उसमें संवेदना नहीं जगा सकता है।

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हो सकता है, पूरे नाटकीय माहौल से उस भावना में दिखावे का कंपन हो पर हकीकत में वहाँ कुछ भी नहीं होगा। फौरी तौर पर सांत्वना के लिए दिए गए आश्वासन से लाभ के बजाय स्थिति और भी बदतर होगी इसलिए ऐसी आशा से निराशा की सच्चाई भली।

ऐसी ही एक झूठी आशा को पकड़ कर बैठ गई हैं, पूनम (बदला हुआ नाम)। उसे लगता है शायद उसका प्रेमी फिर उसके पास लौट आएगा। वह इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहती हैं कि जो व्यक्ति उसे दिन-रात फोन, एसएमएस और मिलकर संपर्क बनाए रखता था आखिर वह अब मिन्नतें करने पर भी क्यों कुछ नहीं बताता? क्यों वह एक हेलो के लिए भी तरस जाती है?

पूनम और उसका दोस्त एक-दूसरे को दो वर्षों से प्यार करते थे। पूनम के घर वाले शादी के लिए राजी नहीं हुए पर उसके दोस्त ने उम्मीद बँधाई कि उसके घर वाले मान जाएँगे और नहीं भी माने तो वह दोनों साथ रहेंगे। पर जल्द ही पूनम को किसी और से पता चला कि उसके दोस्त की शादी इस वर्ष के अंत में कहीं और होने वाली है। एक ओर पूरी जिंदगी साथ निभाने का वायदा और दूसरी ओर किसी और से शादी की तैयारी, पूनम के पाँव तले से जमीन खिसक गई।

इधर पूनम के दोस्त ने हर प्रकार के संवाद कम कर दिए। दो सौ एसएमएस की जगह अब दो एसएमएस भी नहीं मिलते। न फोन, न ही मिलना-जुलना। उसके रोने-धोने पर वह यही कहता है कि वह उसका जीवन भर खयाल रखेगा, उसका साथ निभाएगा। पूनम अपने दोस्त के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर पा रही है। दिन-रात रोती है, यहाँ तक कि मरने के बारे में सोचती रहती है। उन्हें लगता है, दूसरा कोई और उसे समझ नहीं पाएगा, केयर नहीं कर पाएगा।

पूनम जी, आपको लगता है अब जीवन में आपको कोई नहीं मिल पाएगा। खासकर आपके दोस्त के जैसा। आप अपने दोस्त की किस अच्छाई पर मर रही हैं। यही कि बिना आपको बताए, बिना आपको विश्वास में लिए अपनी शादी पक्की कर आया। एक तरफ आप बिछुड़ने के गम में रो रही हैं और उसे इसकी परवाह ही नहीं है। जो धीरे-धीरे आपको अपने जीवन से दूर करने के लिए सारा संवाद काटता जा रहा है। एक ऐसा व्यक्ति जो बिना किसी कष्ट के अपनी नई दुनिया बसाने में मस्त हो गया, उसके लिए आप जान देना चाहती हैं।

आपका सोचना सही है, इतना निष्ठुर व्यक्ति मिलना मुश्किल है। पूनम जी, जिस व्यक्ति के लिए आप अपनी जान गँवाना चाहती हैं, वह बेहद आत्मकेंद्रित है। उसे अपने सिवा कुछ भी नहीं दिख रहा है। जुबान से यह बोल देने भर से कि मैं जीवन भर साथ निभाऊँगा, सचमुच ऐसा नहीं हो जाता है। हर कथन का नाता उस पर अमल करने से भी होना चाहिए। यह तो वैसी ही बात हुई कि कोई किसी को हर रोज चांटा लगाए और मुँह से बोलता रहे मैं बहुत प्यार करता हूँ।

उसके साथ से मिली अनुभूति को आप खोना नहीं चाहती हैं इसलिए आप उसकी केयर व प्यार के शब्दों को भीख में माँगती हैं। किसी की दयनीय हालत देखकर रहम किया जाता है, सम्मान व प्यार नहीं किया जाता है, जैसा कि आपका दोस्त कर रहा है। आपका दोस्त बेइंतहा व्यावहारिक है। उसने आपको कम से कम संपर्क एवं संवाद के लिए भी तैयार कर लिया है।

किसी व्यवहार को बार-बार दुहराने से हम उसके अभ्यस्त से हो जाते हैं। अब उसके ध्यान नहीं देने की आदत की भी आप आदी हो गई हैं। दुख होना एक बात है पर आपने मान लिया है कि उसका मन होगा या दया आएगी तो वह संवाद बनाएगा। जब आपने इतना मान लिया है तो यह क्यों नहीं मान रही हैं कि अब वह आपके जीवन से जा चुका है। बहुत जल्द ऐसा दिन आएगा जब आप उससे कभी नहीं मिल पाएँगी।

वह आपको पूरी तरह अपने जीवन से निकालकर फेंके उसके पहले आप उस अहसास को बाय-बाय कह दें। किसी काम में व्यस्त हो जाएँ। उसकी कमियों, चालाकियों के बारे में सोचें और गुस्सा आने पर लिख डालें। गुस्सा आना चाहिए न कि रोना।
हर नई कोशिश से हमें डर लगता है, हिचकिचाहट होती है। किसी भी नए अनुभव से हम सभी कतराते हैं। आप किसी और से दोस्ती और शादी की सोचें। वह मजे में शादी के लड्‍डू खाए और आप आँसू बहाएँ यह सरासर खुद के साथ नाइंसाफी है। यकीन मानें जिस प्रकार की उसने आपके साथ हरकत की है, उससे दूसरे हजार गुना बेहतर ही निकलेंगे। आप अन्य व्यक्ति के बारे में भी अपने दिल में जगह बनाएँ।

वह आपको पूरी तरह अपने जीवन से निकालकर फेंके उसके पहले आप उस अहसास को बाय-बाय कह दें। किसी काम में व्यस्त हो जाएँ। उसकी कमियों, चालाकियों के बारे में सोचें और गुस्सा आने पर लिख डालें। गुस्सा आना चाहिए न कि रोना। उसने आपके प्यार की कद्र नहीं कि आपको सच्चाई से दूर रखा, फिर किस अच्छाई व प्यार का मातम मना रही हैं आप।

घूमें, फिल्म देखें, गाना सुनें, सजे-सँवरें, पसंदीदा काम करें और किसी जीवनसाथी की तलाश करें। जितना आप उसके लिए घुल रही हैं उतना प्यार देने पर तो कोई भी आपके पल्लू से बँधा रहेगा।