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Written By ND

5 जरूरी टिप्स

रिश्ते भावनाए अपेक्षाएं
हर लडकी का सपनों का एक राज कुमार होता हैं, अपने प्रियतम में वो उस राज कुमार की छबि ढूँढने लगती हैं जिसके वो सपनें देखा करती थी लेकिन उसके व्यक्तित्व के कई अनछुए और अनजाने पहलू ऐसे भी होते हैं जो उसके सपनो से ज्यादा महत्वपूर्ण होते है जिन्हें वह नहीं जान पाती।

लड़कों का व्यवहार और उनके सोचने का तरीका बिलकुल अलग होता है। इसलिए आपको अपने दोस्त से इस बात की उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह बिल्कुल बदलकर आपकी तरह हो जाएगा। आपको उसे बदलने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ अनछुए पहलूओं को।

1. अपने रिश्ते को समझे
प्यार की पहली नज़र को हर किसी ने अनुभव किया होगा, ये एक ऐसा अनुभव है जब आप के लिये आपका साथी पहली प्राथमिकता होता हैं, ऐसे में आपसे मिलने के लिये वक्त से पहले पहुंचना और घंटो इंतज़ार करना प्रेम रूपी तपस्या का ही एक हिस्सा होता हैं। वक्त बितने पर जब सामंजस्य बढ जाता हैं तब ये उम्मीद कम कर देना चाहिये कि एक प्रेम पत्र के साथ वो रोज सुबह फूलों का गुलदस्ता आपके दरवाजे पर रख कर जाएगा, या फिर पहले की तरह सुबह शाम फोन पर घंटो बाते किया करेगा। वह दो-तीन दिनों तक आपको फोन ना कर पाए, तो आपको अपनी नाराजगी दिखाते समय यह नही भूलना चाहिए कि जिस तरह उसके किसी व्यवहार से आपको दुख पहुंचता है, उसी तरह आपकी भी कुछ बातें उसकी भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं।

2.भावनाए शब्दों की मोहताज़ नहीं
तारीफ सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता हैं, लेकिन नारी जैसी निर्मलता पुरुषो मे कम होती हैं। हो सकता हैं वो आपकी उम्मीद पर पूरी तरह नहीं उतर पाए, या अपनी भावनाओं को शब्दों में ना ढाल पाए। आपके किसी तोहफे पर धन्यवाद जैसे औपचारिक शब्दो की उम्मीद रखने की बजाय उसकी आंखों में उतर आयी प्रसन्नता को देखने की कोशिश करें।

3.अलग होती हैं लड़कों की अपेक्षाएं
प्रेम को तो ऋषि मुनियों ने भी पवित्र माना हैं, दैहिक आकर्षण तो एक प्राकृतिक लक्षण हैं जिससे कोई भी परे नहीं रह पाया हैं, हमारे समाज में कुछ नियमों को संस्कार का रूप दिया है जिसे कई बार युवा वर्ग अपनाने से मना कर देते हैं इसका मतलब ये नहीं को वो सिर्फ आपसे शारीरिक आकर्षण से जुडा हैं यदि आप इन नियमों का पालन करना चाहती हैं तो आप पर निर्भर करता हैं कि नाराज़ होने या उसका तिरस्कार करने की बजाय प्रेम से समझा पाती हैं या नहीं , दैहिक संबंध से परे एक और चीज़ बहुत महत्वपूर्ण होती है वो है स्पर्श जो उसे प्रियतमा के दैहिक आकर्षण से परे अपनत्व का एहसास दिलाएगा।

4.माँ, पत्नी, बहन या प्रेयसी, हर रूप में नारी हैं एक सी
ऐसी ही कुछ विचार होते हैं पुरुषों के, चाहे वो पत्नी हो या प्रेमिका वो उसमें हर रूप को खोजने की कोशिश करता हैं। आप अपने हर रूप को उसके सामने कितना साकार कर पाते हो ये आप पर निर्भर करता हैं। उसकी छोटी छोटी ज़रूरतो को पूरा कर, निराशा के समय में हिम्मत दिलाकर, खुशी के पलों की सहभागिता बन आप नारी के हर रूप को साकार कर सकती हैं।

5.नाराजगी जल्दी जाहिर ना करे
लड़कियां अपनी सारी भावनाएं दूसरों के सामने बड़ी सहजता से जाहिर कर देती हैं। अगर उन्हें किसी बात से नाराजगी भी होती है तो वे उसे सबके सामने जाहिर कर देती हैं। लड़के इस मामले में काफी धैर्यवान और गंभीर होते हैं। लड़कों में छोटी-छोटी बातों को लेकर बेवजह बहस या रोक-टोक करने की प्रवृत्ति नही पाई जाती है। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी छोटी-सी बात पर या बेवजह भी लड़कों को बहुत तेज गुस्सा आता है और ऐसी स्थिति में आपसी संबंधों में दरार पड़ने तक की नौबत आ जाती है।