तू प्यार है किसी और का...
दूसरों का प्यार देखकर भी हों खुश
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मानसी हेलो दोस्तो! इस दुनिया में न जाने कितने लोगों ने आज तक प्रेम किया होगा। करोड़ों प्रेमियों की अपनी ही निराली कहानियाँ हैं। अपने-अपने अंदाज में उन्होंने प्रेम को पाने के लिए तरह-तरह के दांव-पेच खेले। प्रेम की चाहत में अपनी जान हारना भी उन्हें कम जान पड़ा। लाखों नसीब वाले भी थे जिन्होंने अपना प्यार पाया और आखिरी दम तक प्यार को जीया। मोहब्बत की हजारों दास्तानों के बावजूद हमेशा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर प्रेम क्या है? कैसे समझें कि प्रेम हो गया? दोस्ती और प्रेम के बीच में कैसे अंतर करें? इन सवालों से हमेशा से नौजवान दिल जूझता रहा है। सच कहा जाए तो प्रेम एक ऐसी भावना है जो दुनिया के स्थापित नियम-कानून से अलग अपनी ही थ्योरी पर चलती है। हर प्रेमी के लिए उसका अपना अलग फॉर्मूला होता है। जिन बातों से एक व्यक्ति बेहद खीज जाता है वही बातें प्यार होने पर प्यारी लगने लगती हैं। प्यार की सबसे बड़ी पहचान यह है कि आपको सामने वाले की खुशी से संतुष्टि व खुशी मिलती है। यह अहसास जिस भी रिश्ते के साथ हो, समझो कि उससे प्यार है। कई बार प्रेम उदारता की हद पार कर जाता है। सचमुच में यदि किसी को प्रेम हो तो वह उसे किसी अन्य से प्रेम करते हुए देखकर भी खुश रहता है। उसे लगता है जिसे मैं चाहता हूँ वह खुश रहे। ऐसी ही भावना को दिल में महसूस कर रहे हैं गुंजन (बदला हुआ नाम)। गुंजन जिस लड़की को प्यार करते हैं, वह उसी संस्थान के किसी अन्य सहकर्मी से प्यार करती है। पर गुंजन को ईर्ष्या, गुस्सा, दुख के बजाय अपनी दोस्त पर और प्यार ही आता है। उसे लगता है जिसे वह प्यार करता है वह अपने प्रेम के प्रति कितनी समर्पित है। उस सहकर्मी के प्रति उसकी सच्ची निष्ठा, लगन उसे और भी उसके प्रति आकर्षित करती है। दोस्त होने और साथ काम करने के नाते वह बखूबी जानता है कि उसकी दोस्त उस सहकर्मी को कितने हौले से संभालती है। उसके इस प्यार पर उसे और प्यार आता है। गुंजन को लगता है वह उसका दीवाना बन चुका है। इस दीवानेपन में उसे एक और जुनून सवार हो गया है कि वह अपनी भावना उस दोस्त को बता डाले। गुंजन उसे कहना चाहते हैं कि वह उसे बेहद प्यार करते हैं पर इस इजहार का उन्हें कोई उत्तर नहीं चाहिए क्योंकि यह इजहार केवल उसे खुशी पहुँचाने और अपनी खुशी के लिए किया है। पर उन्हें भी लगता है कि कहीं उनकी दोस्त इसका गलत अर्थ न निकाल ले और वह इनसे कतराने न लगे।गुंजन जी, आपका यह डर गैरवाजिब नहीं है। जब आपका प्रेम इतनी उदार भावना लिए हुए है तो इसका अहसास आपकी दोस्त को भी होगा। जब प्यार इतना निःस्वार्थ हो तो वह आपके पूरे व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता है। आपके पूरे हाव-भाव और बात-व्यवहार में उसके प्रति इसकी झलक मिलती होगी। आपके प्रेम की खुशबू जरूर उस तक भी पहुँचती होगी। इतनी खूबसूरत सी भावना को यूँ ही हसीन बनाए रखें। हो सकता है कह देने के बाद इसका असर न रहे। आपके द्वारा सहजता से भी किया गया कोई काम या मदद उसे लगेगा कि आप उसे इम्प्रेस करने के लिए कर रहे हैं। वह थोड़ी दूरी बरतने लगेंगी कि कहीं कोई गलतफहमी न पैदा हो जाए। बेहतर यही है कि यह प्यार के इजहार का इरादा आप छोड़ दें।यदि कोई व्यक्ति किसी के प्रेम में सच्चे दिल से मशगूल हो तो उसमें खलल डालना भी एक प्रकार का पाप ही है। यह गुनाह आप न करें तो अच्छा है। ऐसा पाप वही लोग करते हैं जो केवल अपनी खुशी चाहते हैं। उन्हें केवल अपनी फिक्र होती है। ज्यादातर लोगों को किसी की गहरी दोस्ती या बेहतर समझबूझ वाले रिश्ते से कष्ट होता है। उन्हें यह बात बेहद परेशान करती है कि यदि वह खुद इतने सुकून से नहीं जी रहा है तो दूसरा कैसे जी सकता है। इसलिए वे अपनी पूरी ताकत उस रिश्ते को तोड़ने में लगा देते हैं। उन्हें किस प्रकार सुकून व खुशी मिले, इस प्रयास के बजाय वह इस कोशिश में जुट जाते हैं कि अन्य की हँसी कैसे आँसुओं में तब्दील हो जाए।
और जब वे ऐसा कर लेते हैं तो उन्हें तात्कालिक चैन मिल जाता है। पर ऐसा करने वाले लोग जीवन में कभी भी संपूर्णता में नहीं जी पाते हैं। उन्हें संतोष और आनंद की अनुभूति नहीं होती है। अपने दिल के किसी कोने में वह अपनी हार मानते हैं। क्षुद्र व्यवहार से वे कुंठित होते हैं। वे बार-बार अपने आपको दिलासा देते हैं कि वे कोई बुरे इनसान नहीं हैं। वे अपने मन में ऐसा तर्क खोजते हैं जिससे वे खुद भी पूरी तरह सहमत नहीं होते हैं।जिस प्रकार आपके प्रयास से किसी के चेहरे पर आई खुशी पूरा जीवन आपको नेक इनसान होने का बोध कराती है, आपको अपने आप पर नाज करने का अहसास कराता है, उसी प्रकार एक बुरी कोशिश आपको अपनी नजरों से गिराती है। अपनी नजरों में गिरे हुए इनसान को कोई कितना भी प्यार व इज्जत दे, वह उसे अपने भीतर न तो महसूस कर पाता है और न ही आत्मसात कर पाता है। गुंजन जी, बेहतर यही है कि आप उन दोनों के प्यार में अड़चन न डालें। इस प्यार को दिल में सुरक्षित रखते हुए अपने लिए किसी और को चुनें। आपका दिल जितना उदार व साफ है अवश्य ही कोई संवेदनशील लड़की आपको मिलेगी।