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प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : राकेश सिंह (भाजपा), विवेक कृष्ण तन्खा (कांग्रेस)
जबलपुर लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। इस संसदीय सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पिछले 15 साल से सांसद राकेश सिंह का मुकाबला पूर्व एडवोकेट जनरल और कांग्रेसी नेता विवेक कृष्ण तन्खा से है।
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साल 1996 से भाजपा यहां लगातार चुनाव जीतती आ रही है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेताओं में से एक राकेश सिंह यहां लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर संसद पहुंचे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के विवेक कृष्ण तन्खा को पराजित किया था।
परिचय : मध्यप्रदेश का जबलपुर शहर महाकौशल क्षेत्र में संस्कारधानी के नाम से प्रसिद्ध है। नगर में स्थित कई ताल और गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए कई मंदिर इसकी प्राचीन वैभव की जानकारी देते हैं। रामायण एवं महाभारत की कथाएं भी इस शहर से जु़ड़ी हुई हैं। यह शहर पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
अर्थव्यवस्था : सैन्य छावनी के अलावा यहां भारतीय आयुध निर्माण कारखाने भी हैं तथा यह शहर पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय है। प्रमुख उद्योगों में खाद्य प्रसंस्करण, आरा मिल और विभिन्न निर्माण शामिल हैं।
मतदाताओं की संख्या : लोकसभा चुनाव 2014 के मुताबिक यहां मतदाताओं की कुल संख्या 17 लाख 11 हजार 683 है, जिसमें 8 लाख 97 हजार 949 पुरुष और 8 लाख 13 हजार 734 महिलाएं हैं।
भौगोलिक स्थिति : जबलपुर का भौगोलिक क्षेत्र पथरीली, बंजर जमीन और पहाड़ों से आच्छादित है। यहां आपको बेशुमार संगमरमर की चट्टानें देखने को मिलेंगी। यहां नर्मदा नदी संगमरमरी चट्टानों के बीच बहुत संकरे रास्ते से बहती है। यह शहर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 330 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शहर का खास आकर्षण भेड़ाघाट और धुआंधार जल प्रपात है।
16वीं लोकसभा में स्थिति : मध्यप्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं में से एक राकेशसिंह यहां सांसद हैं। साल 2014 में लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर वे संसद पहुंचे। इस चुनाव में सिंह ने कांग्रेस के विवेक तन्खा को हराया था। 1996 से यहां भाजपा लगातार जीतती आ रही है।
मध्यप्रदेश के बारे में : मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। दोनों ही पार्टियां सभी 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, नकुलनाथ, प्रज्ञा ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नंदकुमार चौहान, अरुण यादव जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। 2014 के चुनाव में भाजपा को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। झाबुआ-रतलाम सीट कांग्रेस ने उपचुनाव में जीती थी।