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प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : विवेक शेजवलकर (भाजपा), अशोक सिंह (कांग्रेस)
भाजपा ने 2014 में जीते प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर को इस बार ग्वालियर से टिकट न देकर मुरैना से टिकट दिया है। तोमर वर्तमान में केंद्रीय मंत्री है। ग्वालियर से विवेक शेजवलकर को तोमर के स्थान पर टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर अशोक सिंह को मैदान में उतारा है। इस बार भी ग्वालियर में भाजपा की जीत की राह आसान दिख रही हैं।
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परिचय : मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में एक ग्वालियर अपने पुरातन ऐतिहासिक संबंधों, दर्शनीय स्थलों और एक बड़े सांस्कृतिक, औद्योगिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस नगर का उल्लेख गोप पर्वत, गोपाचल दुर्ग, गोपगिरी, गोपदिरी के रूप में हुआ है। यह सदियों राजपूतों की प्राचीन राजधानी रहा। पर्यटन की दृष्टि से अतीत के अपने भव्य स्मृति चिह्नों के कारण भी यह शहर पहचाना जाता है। इस शहर के इतिहास को प्रत्येक सदी में नए आयाम मिले।
जनसंख्या : जनगणना 2011 के मुताबिक ग्वालियर की कुल जनसंख्या 20 लाख 30 हजार 543 है, जिसमें पुरुष 10 लाख 90 हजार 647 और महिला 9 लाख 39 हजार 893 हैं।
अर्थव्यवस्था : ग्वालियर एक ऐसा महत्वपूर्ण व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र है, जहां से कृषि उत्पाद, वस्त्र, इमारती पत्थर तथा लौह अयस्क बाहर भेजे जाते हैं। यहां इंजीनियरिंग वर्क संयंत्र में रेल-इंजनों तथा डिब्बों की मरम्मत के अलावा अस्पताल-उपकरण, बांधों के लिए इस्पात के द्वार सहित कई विविध उपकरण बनाए जाते हैं।
भौगोलिक स्थिति : ग्वालियर की जलवायु मानसूनी है और वहां कटिबंधीय अतिरेक लिए सूखापन रहता है। वर्षाकाल साल दर साल बदलता रहता है और बारिश केवल वर्षा ऋतु में ही होती है। सड़क तथा रेल मार्गों से भली-भांति जुड़े हुए इस शहर से महत्वपूर्ण राज्य तथा राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं।
16वीं लोकसभा में स्थिति : वर्तमान में भाजपा के नरेंद्रसिंह तोमर ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। तोमर ने साल 2014 में कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोकसिंह को 29 हजार 699 वोट से हराकर विजय हासिल की थी। इस सीट पर पहला चुनाव अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने जीता था। इस सीट पर 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। यहां से सबसे ज्यादा पांच बार (1984-1999) कांग्रेस के नेता माधव राव सिंधिया सांसद रहे हैं।
मध्यप्रदेश के बारे में : मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। दोनों ही पार्टियां सभी 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, नकुलनाथ, प्रज्ञा ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नंदकुमार चौहान, अरुण यादव जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। 2014 के चुनाव में भाजपा को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। झाबुआ-रतलाम सीट कांग्रेस ने उपचुनाव में जीती थी।