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Last Updated :भोपाल , गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 (19:41 IST)

Lok Sabha Election : इस बार BJP सांसद फग्गन कुलस्ते की राह रहेगी कठिन, चुनाव को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Lok Sabha Election : इस बार BJP सांसद फग्गन कुलस्ते की राह रहेगी कठिन, चुनाव को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा - Statement of political analysts regarding Faggan Singh Kulaste
Statement of political analysts regarding Faggan Singh Kulaste : राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सत्ता विरोधी लहर केंद्रीय मंत्री और 6 बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते के लिए मंडला से इस लोकसभा चुनाव की लड़ाई को थोड़ा कठिन बना सकती है जो 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में हार गए थे। कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस के डिंडोरी विधानसभा सीट से विधायक ओंकार सिंह मरकाम से है।
भाजपा का मानना है कि 'मोदी फैक्टर' कुलस्ते के पक्ष में काम करेगा, वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया। राज्य के महाकौशल क्षेत्र में मंडला (अजजा-आरक्षित) से मौजूदा सांसद, वरिष्ठ भाजपा नेता कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस के डिंडोरी विधानसभा सीट से विधायक ओंकार सिंह मरकाम से है।
 
मंडला लोकसभा सीट पर शुक्रवार को मतदान होगा। मंडला में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं जिनमें से छह अनुसूचित जनजाति के लिए और एक अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इनमें से पांच क्षेत्रों में जीत हासिल की, हालांकि उसकी सामूहिक जीत का अंतर केवल 16,000 वोट से था।
कुलस्ते ने 2019 का लोकसभा चुनाव लगभग 98,000 वोटों के अंतर से जीता था। वह दूसरी बार अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वी के रूप में मरकाम का सामना कर रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुलस्ते ने मरकाम को 1.10 लाख वोटों के अंतर से हराया था। भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा था, जब कांग्रेस के चैन सिंह वरकड़े ने उन्हें 9,700 से अधिक वोटों से हराया था।
 
कुलस्ते परिवार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर : केंद्रीय मंत्री के भाई रामप्यारे कुलस्ते 2018 में मंडला विधानसभा सीट पर कांग्रेस से हार गए थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम ने मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते को करीब 65,000 वोटों से हराया था। जबलपुर में एक हिंदी दैनिक के पूर्व संपादक, रवींद्र दुबे ने दावा किया कि कुलस्ते परिवार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है।
उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में कई भाजपा उम्मीदवार तीन से चार लाख वोटों के अंतर से जीते थे, क्योंकि विभिन्न विचारधाराओं के मतदाताओं ने राष्ट्रवाद के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था, लेकिन फग्गन सिंह कुलस्ते एक लाख से भी कम वोटों से जीते।
 
'मोदी मैजिक' काम कर सकता है : उन्होंने कहा, इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मतदाताओं के साथ जुड़ाव, राम मंदिर उद्घाटन और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की पृष्ठभूमि में ‘मोदी मैजिक’ काम कर सकता है। दुबे ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के उम्मीदवार से भी चुनौती मिल सकती है।
 
जीजीपी अब तक मंडला सीट जीतने में नाकाम रही है। इसके उम्मीदवारों रामगुलाम उइके (2019 में) और अनुज गंगा सिंह (2014 में) को क्रमशः 49,000 और 56,000 वोट मिले थे। इस बार जीजीपी ने लखनादौन कस्बे से वकील महेश कुमार बट्टी को मैदान में उतारा है। भाजपा के मंडला जिले के मीडिया प्रभारी सुधीर कसार ने कहा कि उन्हें जीत की उम्मीद है, लेकिन पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर हो सकती है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई उन योजनाओं के कारण ग्रामीण इलाकों में महिलाएं भाजपा से खुश हैं जिनके चलते उन्हें घर, पानी, मुफ्त राशन मिला। कसार ने कहा कि मंडला-जबलपुर राजमार्ग की हालत से लोग नाराज हो सकते हैं, लेकिन इस पर काम चल रहा है। बसनिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित किसान भी नाराज हैं।
 
राज्य में कुलस्ते जैसा दूसरा आदिवासी नेता नहीं : कुलस्ते के बारे में कसार ने दावा किया कि राज्य में उनके जैसा दूसरा आदिवासी नेता नहीं है, जिन्होंने मंडला सीट से छह बार जीत हासिल की है। उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि वह मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हैं। उन्होंने बताया कि कुलस्ते ने 2019 में मंडला से लगभग एक लाख वोटों से जीत हासिल की, जबकि 2018 में कांग्रेस ने इसके अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में से छह में जीत हासिल की थी।
 
कसार ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के लिए वन मानदंडों और प्रतिबंधों के कारण लोकसभा सीट के अधिकतर हिस्सों में उद्योग स्थापित नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि लेकिन, सभी ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क है, 95 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है, जबकि शेष को नियमों के तहत सौर ऊर्जा से जोड़ दिया गया है।
 
नक्सलवाद के नाम पर कई निर्दोष लोगों को किया गिरफ्तार : मंडला से वरिष्ठ कांग्रेस नेता कौशल्या गोटिया ने दावा किया कि कुलस्ते के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। पूर्व राज्यमंत्री ने दावा किया, कुलस्ते ने आदिवासियों के लिए काम नहीं किया क्योंकि इतनी योजनाओं के बावजूद क्षेत्र में बेरोजगारी है। बेरोजगारी के कारण बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। नक्सलवाद के नाम पर कई निर्दोष लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, अगर हमारे पास एक मजबूत आदिवासी नेता होता तो इसे रोका जा सकता था...। आदिवासी लोग पार्टी को नहीं देखते, वे देखते हैं कि उनका नेता कौन है। मंडला लोकसभा सीट पर 20,97,051 लाख मतदाता हैं, जिनमें 10,48,096 लाख पुरुष, 10,48,930 महिलाएं और 25 तीसरे लिंग के व्यक्ति शामिल हैं। (भाषा) फोटो सौजन्‍य : टि्वटर/एक्स
Edited By : Chetan Gour 
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