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Last Updated : गुरुवार, 9 मई 2019 (13:56 IST)

वाराणसी चुनाव, बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका

वाराणसी चुनाव, बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका - Supreme Court rejects plea of sacked BSF jawan Tej Bahadur Yadav
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी सीट से पर्चा रद्द किए जाने के खिलाफ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
 
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने याचिका को गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि हमें इस याचिका पर विचार का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है। हम इसे गुण-दोष के आधार पर खारिज करते हैं।
 
न्यायालय ने चुनाव आयोग के फैसले पर संतोष जताया। न्यायालय ने बुधवार को आयोग को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता की शिकायत की जांच करके अपना पक्ष गुरुवार तक उसके समक्ष पेश करे।
 
तेज बहादुर यादव ने नामांकन रद्द होने पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सपा के टिकट पर नामांकन करने वाले यादव ने निर्वाचन अधिकारी द्वारा नामांकन पत्र खारिज किए जाने को चुनौती दी थी।
 
याचिकाकर्ता ने निर्वाचन अधिकारी के एक मई के उस आदेश पर एकतरफा रोक लगाने की मांग की थी, जिसके तहत उनका (तेजबहादुर) नामांकन पत्र खारिज किया गया था। तेज बहादुर ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। सपा ने पहले शालिनी यादव को टिकट दिया था। तेज बहादुर का पर्चा रद्द होने के बाद अब सपा की ओर से शालिनी यादव मोदी के मुकाबले में हैं।
 
उल्लेखनीय है कि तेजबहादुर के एक वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें वह आरोप लगाते हुए कह रहे थे कि बीएसएफ के जवानों को घटिया खाना दिया जा रहा है। इसके बाद उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों में कमियां पाते हुए उनसे एक दिन बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा था।
 
तेजबहादुर ने 24 अप्रैल को निर्दलीय और 29 अप्रैल को सपा के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। उन्होंने बीएसएफ़ से बर्खास्तगी को लेकर दोनों नामांकनों में अलग-अलग दावे किए थे। इस पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया था। तेज बहादुर से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिए हों।
 
जिला मजिस्ट्रेट सुरेन्द्र सिंह ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 और धारा 33 का हवाला देते हुए कहा कि यादव का नामांकन इसलिए स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि वह निर्धारित समय में आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर सके।
 
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