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Last Updated : रविवार, 7 अप्रैल 2019 (00:12 IST)

आईपीएस के तबादलों पर ममता हुईं सख्‍त, चुनाव आयोग को लिखा पत्र

आईपीएस के तबादलों पर ममता हुईं सख्‍त, चुनाव आयोग को लिखा पत्र - Mamta Banerjee wrote letter to Election Commission
कोलकाता। चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल के चार शीर्ष पुलिस अधिकारियों के तबादले को लेकर वाकयुद्ध शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने पत्र में लिखा, यह आदेश अत्यधिक मनमाना, उत्तेजित करने वाला और पक्षपातपूर्ण है और यह भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर जारी किया गया है।

उन्होंने लिखा, इससे संदेश होता है कि क्या आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के अपने संवैधानिक तरीके से अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है या फिर भाजपा को खुश करने के तौर पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा है कि कानून और व्यवस्था राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है तथा नए अधिकारी इलाके के लिए भी नए होंगे।

इससे मतदाताओं को प्रभावित करने वाले से रुपयों तथा शराबों की बरामदगी के अभियानों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, यह निर्णय बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या यह कदम निहित स्वार्थी दलों और उनके राजनीतिक आकाओं को कवच देने के लिए है?

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त समेत चार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों को शुक्रवार रात हटाने तथा उन्हें चुनाव संबंधी कार्यों से दूर रखने का निर्देश दिया। आयोग ने राज्य की चुनाव तैयारियों की समीक्षा के दौरान इन अधिकारियों को संबंधित पदों से हटाने का आदेश दिया।

आयोग के आदेश के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अतिरिक्त महानिदेशक राजेश कुमार को अनुज शर्मा के स्थान पर कोलकाता का पुलिस आयुक्त बनाया गया है। शर्मा को 19 फरवरी को पुलिस आयुक्त बनाया गया था। कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को हटाए जाने के बाद यह पद काफी दिनों तक रिक्त रहा था।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने फरवरी में राजीव के घर की तलाशी लेनी चाही तो राज्य की पुलिस ने उनका विरोध किया था तथा सुश्री बनर्जी धरने पर भी बैठी थीं। आयोग के आदेश पर हटाए गए शर्मा के साथ विधान नगर के आयुक्त ज्ञानवंत सिंह गत तीन फरवरी को मध्य कोलकाता में सुश्री बनर्जी के साथ धरना स्थल पर मौजूद थे। इस बात को लेकर भाजपा ने काफी विवाद खड़ा किया था तथा कार्यरत पुलिस अधिकारियों के मुख्यमंत्री की धरना में शामिल होने को लेकर सवाल खड़े किए थे।
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