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Written By सुधीर शर्मा

क्या समाजवादी पार्टी की लाल टोपियों को देखकर भड़क रहे हैं सांड?

क्या समाजवादी पार्टी की लाल टोपियों को देखकर भड़क रहे हैं सांड? - Akhilesh Yadav, Samajwadi Party, Lok Sabha Elections 2019,
लोकसभा चुनाव का प्रचार अब चरम पर पहुंच चुका है। पार्टियों के नेता व मंत्री वोटों की याचना करने के लिए तपती गर्मी में सभाएं कर रहे हैं। वोटरों को रिझाने के लिए कोई रिक्शा चला रहा है तो कोई खेतों में किसानी करते हुए फोटो खिंचवा रहा है।
 
चुनावी सभा के बीच किसी घटना के घटने पर नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं। ऐसी एक घटना महागठबंधन के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और मायावती की कन्नौज रैली के दौरान हुई।

हेलीपैड पर उस समय भगदड़ का माहौल हो गया, जब कड़ी सुरक्षा के बीच सांड घुस गया और देखते ही देखते उसने सुरक्षा व्यवस्था में लगे कर्मियों को घायल कर दिया। जहां प्रचंड गर्मी के कारण इंसानों का बुरा हाल है, तो सोचा जा सकता है कि जानवरों की क्या स्थिति होगी।
25 अप्रैल को अखिलेश यादव की जनसभा में उत्पात मचाने के बाद एक सांड उनके रोड शो में घुस आया। सांड घुस जाने से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सांड के हमले से कई समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता चोटिल हो गए। भगदड़ में गिरे एक सपा कार्यकर्ता को रौंदता हुआ सांड निकल गया। इस घटना के बाद अखिलेश यादव ने घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए प्रदेश सरकार पर तंज कसा।
 
इस कमेंट के बाद कई यूजर्स ने भी कमेंट किया कि कहीं भरी गर्मी में समाजवादियों की लाल टोपी देखकर तो सांड नहीं भड़का और सभा में घुस आया?
इससे पहले अखिलेश ने लिखा था कि '21 महीनों में हमने एक्सप्रेस-वे बनाया था, लेकिन पिछले 2 सालों में जनता 5 करोड़ आवारा पशुओं से परेशान हो गई है। अगर सरकार राजनीतिक कार्यक्रमों में सांड को घुसने से नहीं रोक पा रही है, तो गरीब किसानों का क्या हाल हो रहा होगा? अखिलेश ने कहा कि सांड को काबू करने के दौरान जो जवान जख्मी हुए हैं, उन्हें वे 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद इसी ग्राउंड पर सम्मानित करेंगे।
सांड के बवाल पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी निशाना साधते कहा कि नंदी बाबा सबक सिखाने आए थे। यूपी के शाहजहांपुर में एक चुनावी रैली में योगी ने कहा कि 'नंदी बाबा को जब यह पता चला कि कन्नौज में रैली कसाइयों का समर्थन करने वाले गठबंधन की हो रही है तो उन्होंने रौद्र रूप दिखाया। 
 
नंदी बाबा को हटाने के सारे जतन किए गए, लेकिन कोई सफल नहीं हुआ। जब उनसे यह प्रार्थना की गई कि भाई, इस सपा का भी काम चलने दो तो वे शांत होकर वहां से चले गए थे।
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