शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. लोकसभा चुनाव 2019
  3. खास खबरें
  4. 17th Lok Sabha
Written By

17वीं लोकसभा में नजर नहीं आएंगे कई दिग्गज

17वीं लोकसभा में नजर नहीं आएंगे कई दिग्गज - 17th Lok Sabha
नई दिल्ली। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, कमलनाथ, रामविलास पासवान, करिया मुंडा और मुरली मनोहर जोशी जैसे कई दिग्गज अगली लोकसभा में नजर नहीं आएंगे। सोलहवीं लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, उमा भारती और हुकुम नारायण यादव भी नई लोकसभा में दिखाई नहीं देंगे।

पिछले चुनाव में दिग्गज कमलनाथ, रामविलास पासवान और पीए संगमा नौवीं बार लोकसभा सदस्य बने थे। इनमें से संगमा का निधन हो चुका है जबकि कमलनाथ और पासवान इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके करिया मुंडा और श्रीमती महाजन भी इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरी हैं।
भाजपा ने अपने दो वरिष्ठ सदस्यों लालकृष्ण आडवाणी और जोशी को टिकट नहीं दिया है।

पार्टी 75 वर्ष से अधिक आयु के नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर रखने की अपनी नीति पर चल रही है जिसके अनुरूप कई वरिष्ठ नेताओं ने स्वयं ही चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी या फिर उन्हें टिकट नहीं मिला।आडवाणी नवीं, दसवीं और 12वीं से 16वीं लोकसभा तक सात बार उसके सदस्य रह चुके हैं। पिछली बार वे गांधीनगर से चुनाव जीते थे। इस बार गांधीनगर सीट पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को उम्मीदवार बनाया गया है। जोशी छह बार लोकसभा के सदस्य रहे। पिछला चुनाव वे कानपुर से जीते थे।

कमलनाथ मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। वे सातवीं से दसवीं तथा बारहवीं से सोलहवीं लोकसभा के सदस्य रहे। मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के कारण वे इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वे छिंदवाड़ा से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने लंबे समय तक बिहार के हाजीपुर (सु) क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। पासवान छठी और सातवीं तथा नौवीं से चौदहवीं एवं सोलहवीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं। वे एक बार समस्तीपुर के रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से भी निर्वाचित हुए थे। स्वास्थ्य की वजह से वे इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। हाजीपुर सीट पर उनके भाई पशुपति कुमार पारस पार्टी के उम्मीदवार हैं।

राजनीति की नब्ज पर अच्छी पकड़ रखने वाली भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने इस बार चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। सुश्री भारती मोदी सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने कहा है कि चुनाव नहीं लड़कर वे गंगा की स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए कार्य करेंगी। सुश्री भारती ने मध्य प्रदेश की भोपाल और खजुराहो सीट से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया था।

अगले लोकसभा चुनाव में जहां कई दिग्गज नजर नहीं आएंगे, वहीं कई नेता नौवीं और आठवीं बार लोकसभा में पहुंचने के लिए चुनाव मैदान में हैं। आठ बार लोकसभा सदस्य रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन चुनाव जीते तो वे नौवीं बार लोकसभा पहुंचेगे। वह झारखंड की दुमका सीट से उम्मीदवार हैं। वह सातवीं लोकसभा के अलावा नौवीं से ग्यारहवीं और तेरहवीं से सोलहवीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं।

भाजपा की मेनका गांधी और संतोष गंगवार तथा कांग्रेस के केएच मुनियप्पा आठवीं बार लोकसभा सदस्य बनने के प्रयास में हैं। अलग-अलग राजनीतिक दलों से सात बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने वाली मेनका गांधी इस बार उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। पिछली बार वह पीलीभीत सीट से भाजपा के टिकट पर ही चुनाव जीती थ। इस बार उनकी सीट बदल गई है।

सात बार लोकसभा पहुंच चुके गंगवार एक बार फिर बरेली सीट से चुनाव मैदान में हैं। वे नौवीं से चौदहवीं तथा सोलहवीं लोकसभा के सदस्य हैं। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव भी छह बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और इस बार भी वे उत्तर प्रदेश में मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं। यादव दो सीट से भी लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। वे मैनपुरी के अलावा कन्नौज सीट से भी लोकसभा के सदस्य रहे हैं।

जनता दल (एस) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी छह बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और इस बार वह कर्नाटक में तुमकुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं। करीब 85 वर्षीय इस दिग्गज नेता के इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर पहले संदेह व्यक्त किया जा रहा था लेकिन बाद में उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की गई।

शिवसेना के अनंत गीते ने भी छह बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया है और पार्टी ने उन्हें फिर से महाराष्ट्र की रायगढ सीट से उम्मीदवार बनाया है। गीते ग्यारहवीं से सोलहवीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं। गीते ने पिछला चुनाव रायगढ़ से ही जीता था।

पांच बार लोकसभा चुनाव जीतने वालों में भाजपा के योगी आदित्यनाथ, कांतिलाल भूरिया, रामटहल चौधरी, अनंत कुमार हेगड़े, राधा मोहन सिंह, हुकमदेव नारायण यादव, कांग्रेस के तारिक अनवर, बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब तथा राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
ये भी पढ़ें
समीकरण बदलते ही रिश्ते भी बदल जाते हैं राजनीति में...