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राष्ट्रीय जनता दल : राजनीति के गलियारे में टिमटिमाती लालू की लालटेन

राष्ट्रीय जनता दल का राजनीतिक इतिहास-RJD political history - Rashtriya Janata Dal History
Rashtriya Janata Dal History: 'लालटेन' चुनाव चिह्न के जरिए गरीब की कुटिया में रोशनी लाने का दावा करने वाले बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद या RJD) के नाम से नए दल का गठन किया। पार्टी गठन के समय लालू ने कहा था कि यह दल समाजवाद का नारा बुलंद करेगा। 

हालांकि समाजवाद से ज्यादा लालू यादव का जोर परिवारवाद पर रहा। उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्‍यमंत्री रह चुकी हैं, जबकि उनके बेटे तेजस्वी यादव 2 बार राज्य के डिप्टी सीएम और दूसरे बेटे तेजप्रताप यादव नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उनकी बेटी मीसा भारती भी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं।  
 
लालू बने पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष : उस समय रघुवंश प्रसाद सिंह, कांति सिंह समेत लोकसभा के 17 सांसद और राज्यसभा के 8 सांसद लालू की नई पार्टी में आ गए। लालू यादव को पार्टी का संस्थापक अध्यक्ष बनाया गया।

1998 के लोकसभा चुनाव में राजद ने 17 लोकसभा सीटें जीतीं, जबकि 1999 में उसे नुकसान उठाना पड़ा। अन्य राज्यों में यह पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई। वर्तमान में भी इसका जनाधार बिहार तक ही सीमित है। 
 
राजद ने 2004 के लोकसभा चुनाव में जरूर अच्छा प्रदर्शन किया। तब उसे 21 सीटें मिली थीं और लालू यादव यूपीए सरकार में रेलमंत्री बने। लालू यादव मार्च 1990 से लेकर जुलाई 1997 तक बिहार के मुख्‍यमंत्री रहे।

आडवाणी की रथयात्रा रोकी : 23 सितंबर 1990 को लालू ने राम रथयात्रा के दौरान समस्तीपुर में लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया और खुद को एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में प्रस्तुत किया। चारा घोटाले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद लालू ने मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा देकर पत्नी राबड़ी देवी को राज्य का मुख्‍यमंत्री बना दिया।
 
वर्ष 2015 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में राजद ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ गठबंधन किया और दोनों ने मिलकर 178 सीटों पर जीत हासिल की। राजद को 80 सीटें जबकि जदयू को 71 और गठबंधन की तीसरी सहयोगी कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बने और लालू पुत्र तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम एवं बड़े बेटे तेजप्रताप स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए, लेकिन जुलाई 2017 में यह गठबंधन टूट गया और नीतीश ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार का गठन किया। 

राजद का जेडीयू के साथ एक बार फिर गठबंधन बना, राज्य में दोनों की सरकार भी बनी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से नीतीश ने एक बार फिर पाला बदला और राज्य में भाजपा के सहयोग वे फिर मुख्‍यमंत्री बने। लालू यादव को चारा घोटाले में जेल भी जाना पड़ा था। 
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