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समझदार वोटर
व्यंग्यिका
जवाहर चौधरी लल्लनप्रसाद डींग मार रहे थे - समझदार वोटरों के वोट मुझे ही मिलते हैं। लेकिन सुना है कि ज्यादातर समझदार लोग मतदान के लिये घर से निकलते ही नहीं हैं या फिर पिकनिक मनाने चले जाते हैं। जगदीश्वर ने याद दिलाया।फिर भी मुझे जो वोट मिलते हैं वो समझदारों के ही होते हैं। लोग तो कहते हैं कि तुम शराब पिलवाते हो मतदान से पहले वाली रात को? - जगदीश्वर ने छेड़ा।हाँ, लेकिन वो मूर्ख शराब मेरी पीते हैं और वोट दूसरे को दे देते हैं। तो फिर क्यों पिलाते हो ? क्योंकि काफी सारे समझदार शराब दूसरे की पीते हैं और वोट मुझे देते हैं। लल्लनप्रसाद ने विजयी मुद्रा में अपनी पीठ ठोंकी ।