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Written By WD

बायोडेटा का है जमाना

बायोडेटा का है जमाना -
- यशवंत कोठार
WDWD
आजकल हर तरफ बायोडेटा की बयार बह रही है। हर ऐरा-गैरा, नत्थूखैरा, नूरा-फकीरा, जमालिया, गंगू तेली और राजा भोज एक अदद बायोडेटा लेकर शहर में घूम रहा है। हर तरह के बायोडेटा बाजार में तैयार हैं। पुराना सिद्धांत है डिमांड और सप्लाई। सो चारों तरफ से बायोडेटा की सप्लाई आ रही है और जैसा कि आप जानते हैं एप्लाई-एप्लाई नो रिप्लाई विद आउट सप्लाई।

सो हुजूर पाठकान आज बायोडेटा पर ही यह चिंतन प्रस्तुत है। बायोडेटा केवल एक ही प्रकार के नहीं होते हैं। कई प्रकार के होते हैं।

हर बायोडेटा पर वजन रखना पड़ता है। मेरिज बायोडेटा, जॉब बायोडेटा, कारपोरेट बायोडेटा, पोलिटिकल बायोडेटा, सामाजिक बायोडेटा, साहित्यिक बायोडेटा, अंडरवर्ल्ड बायोडेटा, फिल्मी बायोडेटा- हर तरफ हर किस्म के बायोडेटा हवा में तैर रहे हैं।

कल एक बायोडेटा दृष्टिपथ से गुजरा। एक साहित्यकार महोदय का था। प्रथम पृष्ठ पर संपूर्ण रंगीन चित्र और दूसरी ओर लेखक का संपूर्ण जीवन चरित्र। 21 धारावाहिक लिखे। चार विज्ञापन बनाए। दूरदर्शन-आकाशवाणी पर वार्ताएँ पढ़ीं। मगर फिर भी साहित्य के जंगल में अभी भी अरण्य रोदन कर रहे हैं। मैं सोचता हूँ यदि ये व्यक्ति बायोडेटा बनाने के बजाय काम में मन लगाएँ तो उनका भी भला होता और समाज का भी।

मगर कौन समझाए। एक अभद्र बायोडेटा बनाया स्वयं ही लिखा, छपाया, षष्ठीपूर्ति के पावन पर्व पर बँटवाया और साहित्य, संस्कृति, कला, समाज, राजनीति में अमरता को प्राप्त हो गए। एक डॉन का बायोडेटा देखा। राज्यसभा की सदस्यता के लिए तैयार किया था। उन्होंने ईमानदारी से स्वीकार किया कि वे पहले दस्यु थे, कई मर्डर कर चुके हैं और अब राज्यसभा हेतु बायोडेटा लेकर घूम रहे हैं।

चुनाव के दिनों में बायोडेटा इतने बड़े और शानदार होते हैं कि गाँधीजी या सरदार पटेल देखते तो शरमा जाते। इन नेताओं के बायोडेटा में घपले, अपराध, हत्या, बलात्कार, कमीशनखोरी आदि का विस्तृत विवरण दिया जाता है और आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि ऐसे ही लोग चुनाव लड़कर विधानसभा या संसद की शोभा बढ़ा रहे हैं। मेरिज बायोडेटा का तो कहना ही क्या।
  हर बायोडेटा पर वजन रखना पड़ता है। मेरिज बायोडेटा, जॉब बायोडेटा, कारपोरेट बायोडेटा, पोलिटिकल बायोडेटा, सामाजिक बायोडेटा, साहित्यिक बायोडेटा, अंडरवर्ल्ड बायोडेटा, फिल्मी बायोडेटा- हर तरफ हर किस्म के बायोडेटा हवा में तैर रहे हैं..      

एक सज्जन अपने सपूत के लिए बहू ढूँढ रहे थे, ऐसा बायोडेटा बनवाया कि आज तक बहू नहीं मिली है। एक कन्या का ऐसा बायोडेटा पढ़ा जिसे पढ़ने मात्र से वर पक्ष खिसिया गया क्योंकि लड़की का पैकेज व पढ़ाई ऊँची थी, भावी वर की स्थिति अत्यंत साधारण वाली।

बायोडेटा एक या दो पेज का तो पढ़ा जा सकता है मगर कभी-कभी दस से बीस पृष्ठों के बायोडेटा लेकर लोग आ जाते हैं। क्या करें पढ़ना पड़ता है। अब शहर में ऐसी दुकानें खुल गई हैं जो अच्छा और कामयाब बायोडेटा बनाने का दावा करती हैं। हमारे यहाँ से बायोडेटा बनवाइए शादी पक्की या नौकरी पक्की या टिकट पक्का या फिर छोकरी पक्की।

इधर एक लड़का गर्लफ्रेंड को अपना बायोडेटा देना चाहता था। मगर गर्ल ने उस बायोडेटा को पढ़े बिना ही रद्‍दी की टोकरी में डाल दिया। उदास लड़का किसी अन्य की तलाश में भटकने लगा।

मैं सोचता हूँ ये बायोडेटा, संस्कृति का अंतिम हल क्या है। क्या बिना बायोडेटा के जीवन नहीं चल सकता। मगर उपभोक्तावाद फ्रीइकोनॉमी बाजारवाद शॉपिंग मॉल में 'बोडी' और 'सोल' मिलकर एक मॉल है और बोडी शॉपिंग वाले चारों तरफ माल की तलाश में घूम रहे हैं। बायोडेटा चोर, उचक्के, गिरहकट, पॉकेटमार, हत्यारे, मक्कार, बेईमान, गुंडे, डॉन, बॉस तक लेकर घूम रहे हैं। आप सावधान रहिएगा मैंने भी अपना बायोडेटा बनवा लिया है।