भारत में सरकारी नौकरी, संस्था या शोध में जाने के लिए उम्मीदवारों को किसी न किसी परीक्षा का सामना करना पड़ता है। इंडिया टुडे पत्रिका ने अपनी एक रिपोर्ट में इन सात परीक्षाओं को भारत की सबसे कठिन परीक्षा कहा है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)
तीन चरणों में होने वाली यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। इसमें सफल होने वाले उम्मीदवार कलेक्टर, एसपी और ग्रेड ए सेवाओं में राजपत्रित अधिकारी बनते हैं।
कॉमन एडमीशन टेस्ट (कैट)
भारत के प्रतिष्ठित बिजनेस-स्कूलों के लिए होने वाली इस परीक्षा को देश की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। इसमें चयनित छात्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में दाखिला लेते हैं, जहां से एमबीए करने के बाद उन्हें लाखों की नौकरियां मिलती हैं।
आईआईटी-ज्वांइट एंट्रेंस टेस्ट
देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) के लिए होने वाली इस परीक्षा को भी भारत की मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लगभग हर 45 पर एक उम्मीदवार का इसमें चयन होता है।
ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट)
देश में पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर होने वाली इस परीक्षा के जरिए इंजीनियरिंग, तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा और अन्य सरकारी स्कॉलरशिप के रास्ते खुलते हैं। गेट में प्राप्त स्कोर तीन साल की अवधि तक मान्य होता है।
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लेट)
देश में कानून की पढ़ाई कराने वाली 16 नामी नेशनल लॉ यूनिर्सिटीज के लिए यह परीक्षा होती है। इसमें चयनित छात्र कानून में स्नातक और स्नाकोत्तर की पढ़ाई करते हैं।
यूजीसी-नेशनल एलिजिबल्टी टेस्ट (नेट)
यह परीक्षा साल में दो बार होती है। इसमें चयनित कुछ उम्मीदवारों को रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट लेक्चररशिप मिलती है। यह परीक्षा देश भर में 83 विषयों में होती है।
नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए)
भारतीय रक्षा सेवाओं के लिए होने वाली यह परीक्षा भी कठिन परीक्षाओं में से एक हैं। इस परीक्षा से थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है। लिखित परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को बाद में साक्षात्कार समेत अन्य टेस्ट भी देने होते हैं।
रिपोर्ट अपूर्वा अग्रवाल