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Written By वार्ता

हेडन का शतक, ऑस्ट्रेलिया 282/4

ऑस्ट्रेलिया भारत चौथा टेस्ट
मैथ्यू हेडन के 29वें टेस्ट शतक और माइक हसी के नाबाद 87 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन शनिवार को 213 रन की बढ़त हासिल कर ली लेकिन मैच में एक दिन का खेल ही बाकी होने के कारण अब यह मैच ड्रॉ की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है।

दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट खोकर 282 रन बना लिए थे। उस समय हसी 87 और एंड्रयू साइमंड्स 14 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे। भारत के लिए कप्तान अनिल कुंबले ने सर्वाधिक तीन विकेट झटके जबकि आफ स्पिनर हरभजन सिंह को एक कामयाबी मिली है।

ऑस्ट्रेलियाई पारी का सबसे बड़ा आकर्षण हेडन की पारी रही जिन्होंने 123 रन की दिलकश पारी खेली और भारत के खिलाफ लगातार दूसरा टेस्ट शतक बनाया। यह उनके करियर का 29वाँ टेस्ट शतक भी है और इसके साथ ही वह सर्वकालिक महानतम बल्लेबाज सर डान ब्रैडमैन के 29 शतकों की बराबरी पर पहुँच गए हैं।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने कल के बिना किसी नुकसान के 13 रन से आगे खेलते हुए जल्द ही 69 रन की लीड को पार कर लिया। भारत ने पहली पारी में 552 रन बनाकर यह लीड हासिल की थी लेकिन हेडन और फिल जैक्स की सलामी जोड़ी ने इसे आसानी से पार करते हुए पहले विकेट के लिए 83 रन जोड़ दिया।

लेकिन जैक्स 42 रन बनाने के बाद भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की गेंद पर युवराज सिंह को कैच दे बैठे। इसके तत्काल बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग (एक) पहली पारी की तरह इस बार भी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह के मायाजाल में फँस गए। इस सीरीज की चार पारियों में वह तीसरी बार हरभजन के शिकार बने हैं।

लगातार ओवरों में दो विकेट झटकने के बाद भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बढ़ा दिया लेकिन इससे हेडन की बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने दाहिनी जांघ में खिंचाव आने के बाद रनर के साथ बल्लेबाजी जारी रखी और कई दिलकश शॉट लगाते हुए अपना शतक 160 गेंदों पर पूरा कर लिया।

शतक पूरा करने के बाद भी हेडन के पराक्रम में कोई कमी नहीं आयी और उन्होंने भारतीयों को छकाना जारी रखा। लेकिन 250 के स्कोर पर वह कुंबले की गेंद पर वसीम जाफर के हाथों कैच कर लिए गए। उन्होंने 196 गेंदों की अपनी पारी में 12 चौकों की मदद से 123 रन बनाए।

लेकिन आउट होने के पहले हेडन ने भाग्यशाली हसी के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 160 रन की साझेदारी करके कंगारुओं को जल्द समेटने के भारत के प्रयासों को नाकाम कर दिया। हालाँकि इसमें एक बार फिर अंपायर के संदिग्ध फैसले की बड़ी भूमिका रही। अर्द्धशतक के नजदीक खड़े हसी को आरपी सिंह की गेंद पर अंपायर मार्क बेंसन ने विकेट के पीछे कैच देने से इनकार कर दिया जबकि टीवी रिप्ले से साफ पता चल रहा था कि गेंद उनके बल्ले से लगकर महेंद्रसिंह धोनी के दस्तानों में समाई है।

बहरहाल हसी ने हेडन के साथ अपनी टीम को धीरे-धीरे उस स्थिति में पहुँचा दिया जहाँ से ऑस्ट्रेलिया मैच की दिशा अपने हिसाब से तय कर सकता है।

लेकिन हेडन के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए माइकल क्लार्क को कुंबले ने अगली ही गेंद पर द्रविड़ के हाथों स्लिप में कैच कराते हुए मेजबानों को लगातार दूसरा झटका दिया। क्लार्क पहली पारी की तरह दूसरी में भी शून्य पर आउट हुए।

मगर हसी ने साइमंड्स के साथ मिलकर बाकी समय सुरक्षित निकाल लिया। इस दौरान हसी ने संभलकर खेलते हुए धीरे-धीरे अपने कदम शतक की तरफ बढ़ा दिए हैं। खराब रोशनी के कारण निर्धारित समय से पहले खेल रुकते समय वह 85 रन बनाकर खेल रहे थे जबकि साइमंड्स ने 15 रन बनाए हैं।

मौजूदा सिरीज में यह पहला मौका है जब हसी ने 50 का आँकड़ा पार किया है। लगभग 80 रन प्रति पारी का औसत रखने वाले हसी के लिए यह एक असामान्य-सी बात है।

इस पारी में तीन कामयाबियों के साथ ही कुंबले ने अपने विकेटों की संख्या 598 तक पहुँचा दी है। अब वह 600 टेस्ट विकेट हासिल करने वाला तीसरा गेंदबाज बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि से महज दो कदम दूर खड़े हैं।

बहरहाल मैच के अंतिम दिन बारिश का व्यवधान पड़ने की भविष्यवाणी और ऑस्ट्रेलिया की 213 रन की बढ़त को देखते हुए मैच के ड्रॉ होने की ही संभावना अधिक लग रही है। आज भी बारिश के कारण तीन बार खेल बाधित हुआ।