सीनियर खिलाड़ियों का टी-20 से मोहभंग
जब टीम इंडिया ने टी-20 विश्व कप जीता तब टीम में अधिकांश युवा खिलाड़ी ही थे। युवा खिलाड़ियों का जोश देखकर सचिन तेंडुलकर ने घोषणा की थी कि युवा प्रतिभा को मौका देने के लिए वे टी-20 क्रिकेट नहीं खेलेंगे। सचिन के इस फैसले के बाद भारत को प्रतिभावान टी-20 खिलाड़ी मिले।थोड़े दिनों बाद ऑस्ट्रेलिया कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी सचिन की राह पर चलते हुए टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया। फर्क इतना था कि पोंटिंग ने इसके लिए कारण बताया कि वे अपने वनडे और टेस्ट क्रिकेट करियर का लंबा खींचना चाहते हैं।इसके बाद इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने भी इस तरह की वजह बताकर टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अब इसी तरह की एक और खबर है कि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ भी टी-20 क्रिकेट की कप्तानी छोड़कर रहे हैं। वे टी-20 क्रिकेट के बजाय वनडे और टेस्ट क्रिकेट में ध्यान देकर बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे।तेंडुलकर, पोंटिंग, स्ट्रॉस और स्मिथ ये सभी तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज हैं और क्रिकेट के सभी प्रारूप में किसी भी गेंदबाजी लाइन-अप के धुर्रे बिखेर सकते हैं, लेकिन इन बल्लेबाजों ने टी-20 क्रिकेट के बजाय अपने वनडे और टेस्ट करियर को तरजीह दी। इन खिलाड़ियों की सोच बताती है कि टी-20 भले ही मसाला क्रिकेट हो, लेकिन इनके दिल में तो टेस्ट क्रिकेट ही बसता है।सीनियर खिलाड़ियों के टी-20 में नहीं खेलने का कारण उनकी फिटनेस भी हो सकती है। बढ़ती उम्र के साथ अपने करियर को लंबा खींचने के लिए ही शायद स्मिथ जैसे खिलाड़ी टी-20 क्रिकेट से दूर हो रहे हैं। (वेबदुनिया न्यूज)