सचिन ने मेरा काम आसान कर दिया-आमरे
मुंबई के कोच प्रवीण आमरे ने टीम के 39वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने का श्रेय मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को भी देते हुए कहा कि इस दिग्गज की टीम के प्रति प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों को उनके टिप्स ने उनका काम आसान कर दिया।फाइनल में कर्नाटक पर छह रन की जीत के साथ मुंबई को लगातार दूसरी बार चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले आमरे ने मुंबई से कहा कि सचिन पूरी टीम के आदर्श हैं और टीम के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वह हमेशा खिलाड़ियों के संपर्क में रहते हैं और उनसे लगातार बात करते हैं। वह खिलाड़ियों को जरूरत पड़ने पर टिप्स भी देते हैं, जिसने मेरा काम काफी आसान कर दिया है। यह पूछने पर कि जब कर्नाटक की टीम फाइनल में 338 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मनीष पांडे (144) की धुआँधार पारी की मदद से तीन विकेट पर 255 रन बनाकर जीत की ओर बढ़ रही थी तो क्या उन्हें हार का डर सता रहा था तो आमरे ने कहा कि उन्हें अपने गेंदबाजों पर पूरा यकीन था, जिन्होंने अंत में टीम की जीत सुनिश्चित की।इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि जब मनीष खेल रहे थे तो कर्नाटक को सिर्फ 92 रन की जरूरत थी जबकि उसके सात विकेट बचे हुए थे लेकिन मुझे अपने गेंदबाजों पर पूरा भरोसा था। मुझे पता था कि अगर हम मनीष को आउट कर देंगे तो जो दबाव हम पर है, वह कर्नाटक पर बन जाएगा। उन्होंने कहा इकबाल अब्दुल्ला ने इसके बाद मनीष को आउट कर दिया और हमने लगातार विकेट चटकाकर जीत हासिल कर ली। आमरे ने कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ की अगुआई वाली कर्नाटक की टीम के खिलाफ जीत से उन्हें काफी संतुष्टि मिली क्योंकि चैम्पियन टीम को हराकर ही टीम चैम्पियन बनती है। द्रविड़ की अगुआई में टीम ने सकारात्मक शुरुआत की। वह चैम्पियन की तरह खेले और अपने ग्रुप में चोटी पर रहे। चैम्पियन टीम वही होती है जो चैम्पियन टीम को हराकर चैम्पियन बनती है। उनकी टीम काफी अच्छी थी और हमें उनके खिलाफ जीत दर्ज करने की खुशी है। पिछली चैम्पियन मुंबई की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और लीग चरण में वह केवल एक मैच जीत पाई थी लेकिन आमरे ने कहा कि उन्हें टीम की जीत का भरोसा था। उन्होंने कहा कि मुंबई में हम उसी सत्र को अच्छा मानते हैं जिसमें हम जीतते हैं। यही हमारी सफलता का मंत्र है और यही कारण है कि हमने प्रतिकूल हालात में भी जीत हासिल की।उन्होंने कहा कि हमने लीग तालिका में तीसरे स्थान पर रहते हुए नाकआउट के लिए क्वालीफाई किया। हमारी शुरुआत अच्छी नहीं थी और हम एक ही मैच जीत पाए। नाकआउट में हरियाणा के खिलाफ हमने 54 रन पर चार विकेट गँवा दिए थे लेकिन फिर भी पहली पारी में 400 रन बनाने के बाद हम बढ़त बनाने में सफल रहे। दिल्ली के खिलाफ हमारी असली परीक्षा थी क्योंकि उनकी टीम अच्छी फॉर्म में थी और उनका मनोबल बढ़ा हुआ था। हमारी टीम में रोहित शर्मा और धवल कुलकर्णी भी नहीं थे लेकिन हमने बाजी मार ली। आमरे ने हालाँकि चोटों को भी शुरू में अपने खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया। आमरे ने कहा कि हमारे गेंदबाज शुरुआत में चोटिल थे और हमने उन्हें लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना ही बेहतर समझा। रमेश पोवार को चोट लगी थी जबकि धवल कुलकर्णी भी बाद में चोटिल हो गए। हमने अपने गेंदबाजों के उपचार को प्राथमिकता दी जिससे कि वे बड़े मैचों में उपलब्ध रह सकें। रणजी ट्रॉफी में जीत की जगह पहली पारी में बढ़त को प्राथमिकता देने की टीमों की मानसिकता पर आमरे ने कहा कि इस शीर्ष घरेलू प्रतियोगिता के प्रारूप में बदलाव होना चाहिए।उन्होंने कहा कम से कम नाकआउट मैच या फिर सेमीफाइनल और फाइनल मैच पाँच दिन का होना चाहिए। पाँच दिन के मैच में आपको वापसी करने का मौका मिलता है, इसलिए टीमें जीतने के लिए खेलेंगी।इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स के साथ जुड़े इस कोच ने उम्मीद जताई कि अब मार्च-अप्रैल में आईपीएल के तीसरे टूर्नामेंट में वह अपनी इस टीम को भी जीत दिलाने में सफल रहेंगे। मुंबई इंडियन्स के लिए आईपीएल का तीसरा टूर्नामेंट काफी अहम रहेगा। हम एक इकाई के तौर पर खेलने की कोशिश करेंगे और उम्मीद करते हैं कि इस बार जीत दर्ज करने में सफल रहेंगे। (भाषा)