Last Modified: मुंबई ,
गुरुवार, 16 सितम्बर 2010 (17:29 IST)
मोदी को अदालत से राहत नहीं
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भ्रष्टाचार के आरोपों में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कमिश्नर पद से निलंबित किए गए ललित मोदी को आज उस समय एक और झटका लगा जब बाम्बे उच्च न्यायालय ने अनुशासन समिति के गठन को ही चुनौती देने वाली उनकी याचिका को दूसरी बार खारिज कर दिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने न्यायालय के इस फैसला का स्वागत किया है।
मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की खंडपीठ ने मोदी की याचिका को खारिज करने के साथ ही अनुशासन समिति की बैठक पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस तीन सदस्यीय समिति की नई दिल्ली में बैठक होने वाली है।
मोदी ने अपनी याचिका में कहा था कि अनुशासन समिति के दो सदस्यों अरूण जेटली और चिरायु अमीन के उनके खिलाफ पूर्वाग्रह रखने के कारण संतुलित फैसला नहीं आ सकता है, लिहाजा न्यायालय इन लोगों को समिति से हटाने का निर्देश दे।
मगर खंडपीठ ने उनकी इस दलील को नकारते हुए कहा कि वह अनुशासन समिति का अंतिम फैसला आने पर पूर्वाग्रह का मुद्दा किसी बड़े मंच पर उठा सकते हैं।
यह लगातार दूसरा मौका है जब मोदी न्यायालय से राहत पाने में नाकाम रहे हैं। गत जुलाई में भी उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने अनुशासन समिति के गठन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। (वार्ता)