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Written By वार्ता
Last Modified: सिडनी (वार्ता) , सोमवार, 4 जून 2007 (07:05 IST)

मैग्राथ को अलग होने का मलाल नहीं

मैग्राथ को अलग होने का मलाल नहीं -
शानदार प्रदर्शन के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके तेज गेंदबाज ग्लेन मैग्राथ ने कहा है कि वह अभी दो साल और खेल सकते थे, मगर ऑस्ट्रेलिया टीम से अलग होने का अहसास इस समय उन्हें नहीं कचोट रहा है।

मैग्राथ शनिवार को वेस्टइंडीज में खत्म हुए विश्र्व कप में 26 विकेट लेकर टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने।

उन्होंने 'हेराल्ड सन' में अपने कालम में लिखा कि टेस्ट चयनकर्ता मर्व ह्यूज ने मजाक में इस बात पर अफसोस जाहिर किया है कि टीम से मेरी छुट्टी करने का उन्हें मौका नहीं मिला, लेकिन मुझे सचमुच खुशी है कि मैंने अपनी शर्तों पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा।

यह पूछे जाने पर कि ऑस्ट्रेलिया टीम के साथ 14 साल का साथ छूटने पर उन्हें कैसा लग रहा है मैग्राथ ने कहा फिलहाल तो ठीक है, लेकिन सितंबर में जब हमारी टीम दक्षिण अफ्रीका में ट्वंटी-20 विश्व कप खेल रही होगी, उस समय हो सकता है मुझे बुरा लगे।

मैग्राथ ने कहा शारीरिक और मानसिक तौर पर मैं महसूस करता हूँ कि दो साल और खेल सकता था, लेकिन खेल से अलग भी मेरी कुछ प्रतिबद्धताएँ हैं, जिन्हें मैं अब पूरा करना चाहता हूँ।

इस समय तो मैं कुछ दिन आराम करना और उसके बाद अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहता हूँ। इस खेल में मेरी भूमिका हो सकती हैं, मगर मैं इसके बारे में छह महीने से साल भर बाद ही सोचूँगा।

मैग्राथ ने इस बात पर खुशी जताई कि मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया के पास तेज गेंदबाजों की भरमार है और टीम को उनकी गैरमौजूदगी नहीं खलेगी।

टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मैग्राथ ने अपनी सफलता काराज सरल और सीधेसादे नजरिए को बताया। उन्होंने कहा आप 100 में से 99 गेंदों ऑफ स्टंप के ऊपरी छोर पर डाल सकते हों तो आपको कामयाबी हर हाल में मिलेगी।