Last Modified: टांटन, इंग्लैंड (भाषा) ,
बुधवार, 10 जून 2009 (18:23 IST)
महिला बल्लेबाजी में सुधार जरूरी
भारत को यदि 'छुपा रुस्तम' बनकर बुधवार से शुरू हो रही पहली आईसीसी महिला विश्वकप ट्वेंटी-20 चैंपियनशिप के शुरुआती मैच में मजबूत इंग्लैंड को उलटफेर का शिकार बनाना है तो उसे जल्द से जल्द बल्लेबाजी की अपनी कमियों को दूर करना होगा।
मेजबान इंग्लैंड 50 ओवर का विश्व चैंपियन है लेकिन ट्वेंटी-20 सभी टीमों के लिए नया प्रारूप है और ऐसे में झूलन गोस्वामी की अगुआई वाली भारतीय टीम टूर्नामेंट में खिताब के प्रबल दावेदार को उलटफेर का शिकार बना सकती है।
भारतीय टीम ने अब तक दो ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं तथा वह मार्च में एकदिवसीय विश्व कप में तीसरे नंबर पर रही थी। टूर्नामेंट की तैयारियों के लिए उसकी शुरुआत हालाँकि अच्छी नहीं रही और वह अभ्यास मैच में कल न्यूजीलैंड से हार गई।
कप्तान गोस्वामी को पूरा भरोसा है कि उनकी टीम टूर्नामेंट की चोटी की टीमों में रहेगी। उन्होंने कहा कि आपको अपने दिमाग से खेलने की जरूरत है। यदि आप मानसिक रूप से सशक्त हो तो आप किसी भी टीम को हरा सकती हो तथा हमें खुद पर पूरा भरोसा है।
भारतीय टीम के लिए हालाँकि बल्लेबाजी चिंता का विषय हैं क्योंकि उसकी सभी बल्लेबाज एक साथ अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही है तथा उसका मुख्य दारोमदार अनुभवी अंजुम चोपड़ा और मिताली राज पर टिका है। इन दोनों पूर्व कप्तानों ने 100 से अधिक एकदिवसीय मैच खेले हैं और उन्हें इंग्लैंड में खेलने का अच्छा अनुभव है।
चोपड़ा और मिताली दोनों का इंग्लैंड में अच्छा रिकॉर्ड रहा है। ये दोनों यहाँ शतक जमा चुकी हैं तथा यदि भारत को इंग्लैंड पर जीत दर्ज करनी है तो इन दोनों को बल्ले से भरपूर योगदान देना होगा।
भारतीय कोच सुधा शाह ने टूर्नामेंट के लिए रवाना होने से पहले कहा कि हमारी टीम संतुलित है, जिसमें अनुभवी और युवा खिलाड़ी हैं। हमारा गेंदबाजी आक्रमण मजबूत है। गौहर सुल्ताना अच्छी गेंदबाजी कर रही हैं और प्रियंका राय एकदिवसीय विश्व कप में हमारी तरह से सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज थी।
इंग्लैंड ने दूसरी तरफ 11 ट्वेंटी-20 मैच अंतरराष्ट्रीय मैच (छह जीत और पाँच हार) खेले हैं और उसकी टीम में दो अनुभवी खिलाड़ी कप्तान चार्लोट एडवर्ड्स और क्लेरी टेलर हैं जो कि दुनिया की नंबर एक महिला बल्लेबाज और 'विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर' हैं।
यदि गोस्वामी और उनके गेंदबाज इन दोनों बल्लेबाजों को अधिक देर तक नहीं टिकने देती हैं तो भारत का आधा काम खत्म हो जाएगा। एडवर्ड्स ने कहा कि उनकी टीम घरेलू सरजमीं पर खेलने का दबाव झेल सकती है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए नया है लेकिन हम इससे दबाव महसूस नहीं कर रहे हैं।
टूर्नामेंट का पहला दौर टांटन में होगा, जबकि सेमीफाइनल नॉटिंघम के ट्रेंटब्रिज और लंदन में ओवल में खेले जाएँगे। फाइनल लॉर्ड्स में होगा। सेमीफाइनल और फाइनल मैच पुरुषों के आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 के साथ ही खेला जाएँगे।