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Written By भाषा

भारतीय मूल की विश्व एकादश टीम

भारत
भारतीय मूल के इतने खिलाड़ी दूसरे देशों की राष्ट्रीय टीम में खेल रहे हैं कि उनकी अलग से टीम बन सकती है। 'भारतीय मूल की विश्व एकादश' टेस्ट खेलने वाली किसी भी टीम से टक्कर लेने का माद्दा रखती है।

इस समय भारतीय मूल के जो खिलाड़ी टेस्ट खेलने वाले विभिन्न देशों की टीमों में खेल रहे हैं या पिछले एक साल के दौरान उनका हिस्सा रहे हैं उनमें दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला इमरान खान और गुलाम बोदी इंग्लैंड के मोंटी पनेसर, रवि बोपारा, विक्रम सोलंकी और समित पटेल न्यूजीलैंड के जीतन पटेल तथा वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंद्रपाल, रामनरेश सरवन, दिनेश रामदीन, रवि रामपाल, डेरेन गंगा, सेवनारायण चटरगून और नरसिंग देवनारायण शामिल हैं।

इन भारतीयों की यदि टेस्ट या एकदिवसीय टीम तैयार की जाती है तो इसमें भी भारत की 60 और 70 के दशक की टीमों की तरह तेज गेंदबाजी विभाग कमजोर होगा। वैसे बल्लेबाजी गेंदबाजी या क्षेत्ररक्षण में यह वर्तमान में दुनिया की किसी भी टीम का लोहा लेने में सक्षम होगी।

भारतीय मूल के खिलाड़ियों की इस टीम की कप्तानी शिवनारायण चंद्रपाल या दिनेश रामदीन में से किसी को सौंपी जा सकती है। चंद्रपाल अनुभवी हैं और वेस्टइंडीज के कप्तान रहे हैं तो उनका दावा मजबूत बनता है।

रामदीन को वेस्टइंडीज का भावी कप्तान माना जा रहा है। उन्होंने हाल में इंग्लैंड के खिलाफ क्रिस गेल के अनुपस्थिति में ट्वेंटी-20 मैच में टीम की अगुवाई भी की और वही इस टीम के कप्तान भी होंगे। वारविकशायर के कप्तान सोलंकी का दावा भी मजबूत बनता है, लेकिन उन्हें वनडे का विशेषज्ञ माना जाता है।

यदि टेस्ट टीम बनती है तो इसकी पारी के आगाज का जिम्मा दक्षिण अफ्रीका के इमरान खान और वेस्टइंडीज के डेरेन गंगा करेंगे। इमरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केपटाउन में पहला टेस्ट खेल रहे हैं जबकि गंगा कैरेबियाई टीम में वापसी की कवायद में लगे हैं। चटरगून को उनके स्थान पर यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जिन्होंने दिसंबर में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था।

अगले तीन स्थान अमला तथा वेस्टइंडीज के मध्यक्रम की रीढ़ सरवन और चंद्रपाल के नाम होंगे। अमला नंबर तीन के मंझे हुए बल्लेबाज बन गए हैं और उनके नाम पर 37 टेस्ट मैच में लगभग 2500 रन दर्ज हैं। सरवन ने 79 टेस्ट में 5535 रन जबकि आईसीसी के टेस्ट क्रिकेटर चुने गये चंद्रपाल के नाम पर 119 टेस्ट में 8502 रन दर्ज हैं, जिसमें 21 शतक शामिल हैं।

छठे नंबर पर इंग्लैंड के रवि बोपारा को उतारा जा सकता है, जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल में शतक जड़ा था। अपनी मध्यम गति की गेंदबाजी से वह कैरेबियाई रामपाल के साथ नई गेंद का जिम्मा संभालेंगे।

रामदीन टीम के विकेटकीपर होंगे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आएँगे। इंग्लैंड के खिलाफ हाल में शतक जड़ने वाले रामदीन ने अब तक 34 टेस्ट में 1202 रन और 101 शिकार अपने नाम पर लिखवाए हैं। इंग्लैंड के ऑलराउंडर और बाएँ हाथ के स्पिनर समित पटेल आठवें नंबर पर उतरते हैं तो बल्लेबाजी क्रम मजबूत होगा। वेस्टइंडीज की तरफ से 30 वनडे खेलने वाले रामपाल इस टीम के एकमात्र तेज गेंदबाज होंगे।

अगले दो स्थान पर विशेषज्ञ स्पिनर जीतन पटेल और बाएँ हाथ के स्पिनर पनेसर आएँगे। ऑफ स्पिनर पटेल ने अभी तक छह टेस्ट में 22 और पनेसर ने 38 टेस्ट में 125 विकेट लिए हैं। गुलाम बोदी की क्षेत्ररक्षण में चपलता से उन्हें 12वाँ खिलाड़ी चुनने में किसी को दिक्कत नहीं होगी।

इस टीम की बल्लेबाजी विशेषकर मध्यक्रम बहुत मजबूत है। इसका स्पिन विभाग बेहतरीन है लेकिन उसमें एकरूपता है और टीम को लेग स्पिनर की कमी खल सकती है। वर्तमान में तेज गेंदबाजी को मिल रही प्राथमिकता को देखते हुए इस टीम का यह विभाग कमजोर लगता है क्योंकि इसमें रामपाल ही विशेषज्ञ तेज गेंदबाज हैं और बोपारा उनके साथ नयी गेंद का जिम्मा संभालेंगे।

एक अहम बात यह है कि भारतीय मूल की टीम की 'बेंच स्ट्रेंथ' मजबूत होगी क्योंकि टेस्ट खेलने वाले देशों की विभिन्न प्रांतीय और क्लब टीमों में भारतीय मूल के कम से कम 30 खिलाड़ी खेल रहे हैं। इनमें मिडिलसेक्स के 18 वर्षीय लेग स्पिनर कबीरसिंह तूर, त्रिनिदाद के ऑफ स्पिनर अमित जगरन्नाथ, गयाना के वीरासामी पेरूमल और एसेक्स के वरुण चोपड़ा आदि लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन कर रहे हैं।