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Written By भाषा

धोनी ने माँगी देश से माफी

जडेजा को शीर्षक्रम पर भेजने की गलती कबूली

Dhoni Apologised for Defeat | धोनी ने माँगी देश से माफी
भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने ट्वेंटी-20 विश्व कप से टीम के जल्दी बाहर होने के लिए देशवासियों से माफी माँगते हुए स्वीकार किया है कि इंग्लैंड के खिलाफ सुपर आठ चरण के मैच में रविंदर जडेजा को युवराजसिंह से पहले भेजना उनकी गलती थी।

फिखुसाबिकरेंगे : लार्ड्स पर रविवार रात तीन रन से हार के बाद निराश धोनी ने कहा हम आपसे भी ज्यादा निराश हैं। हम अपने प्रशंसकों और देशवासियों की भावनाओं की कद्र करते हैं। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और यह हम खुले दिल से कह रहे हैं। हम कुछ भी छिपा नहीं रहे।

जडेजा को पहले भेजना गलत था : धोनी ने युवराज और अपने से पहले जडेजा को बल्लेबाजी के लिए भेजा, जिन्होंने 25 रन बनाने में 35 गेंदें खेलीं। इससे बीच के ओवरों में दूसरे बल्लेबाजों पर दबाव बन गया और भारत तीन रन से मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया।

धोनी ने कहा कि कई बार आपको पता नहीं चलता कि क्या होगा। हमें लगा कि जडेजा पारी को स्थिरता देने के साथ आक्रामक शॉट भी खेलेंगे। उन्होंने कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। यह तरकीब कारगर साबित नहीं हुई।

धोनी ने हालाँकि प्रज्ञान ओझा की जगह जडेजा को टीम में शामिल करने और टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण के अपने फैसले को सही ठहराया।

उन्होंने कहा हम ऐसा संयोजन तलाश रहे थे, जिससे बल्लेबाजी को गहराई मिल सके। हमें निचले क्रम से भी अच्छे प्रदर्शन की दरकार थी। ओझा अच्छे गेंदबाज हैं, लेकिन जडेजा बेहतरीन फील्डर और हरफनमौला हैं। इससे हमें एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज को शामिल करने में भी मदद मिली।

बल्लेबाज हार के जिम्मेदार : धोनी ने कहा जहाँ तक पहले क्षेत्ररक्षण का सवाल है तो हमें लगा कि कृत्रिम रोशनी में विकेट बल्लेबाजी के लिए बेहतर होगाभारतीय कप्तान ने हार के लिए अपने बल्लेबाजों को दोषी ठहराते हुए कहा कि 154 रन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाने के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता।

उन्होंने कहा हम बल्लेबाजी में नाकाम रहे। यदि विरोधी टीम ने 153 रन बनाए हैं और इस विकेट पर हम उसे हासिल नहीं कर पाए तो मुझे नहीं लगता कि इसके लिए कोई तर्क दिया जा सकता है। उन्होंने कहा हम इसलिए हारे, क्योंकि हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। मैं गेंदबाजों के प्रदर्शन से खुश हूँ।

हावी रहे इंग्लैंड के गेंदबाज : धोनी ने स्वीकार किया कि इंग्लैंड के गेंदबाज अपनी शॉर्टपिच गेंदों के जरिये भारतीय बल्लेबाजों पर हावी हो गए थे। उन्होंने आक्रामक शुरुआत की और बाउंसर का बखूबी इस्तेमाल किया। हमारे बल्लेबाज अपनी रणनीति अचानक नहीं बदल सके।

फॉर्म में करूँगा सुधार : अपने फॉर्म के बारे में धोनी ने स्वीकार किया कि वे आक्रामक पारियाँ नहीं खेल पा रहे हैं, लेकिन फिर अपने बल्ले से बड़े शॉट खेलने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा मैं लगातार छक्के नहीं लगा पा रहा। मैं मेहनत कर रहा हूँ, लेकिन यह खेल सिर्फ छक्के लगाने के बारे में नहीं है। उम्मीद है कि मैं जल्दी वापसी करूँगा।

आईपीएल ने नहीं बिगाड़ी लय : धोनी ने इस बात से इनकार किया कि पिछले छह महीने से लगातार क्रिकेट खेलने का टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ा। उन्होंने कहा मैं इसका बहाना नहीं बनाऊँगा। मैं आईपीएल को भी दोष नहीं देता। कोई यह नहीं कह सकता कि मेरी टीम या मैंने मैचों में शत प्रतिशत योगदान नहीं दिया। यदि कोई ऐसा कहता है तो मुझे बहुत बुरा लगेगा।

धोनी ने इस हार को अपने करियर की सबसे खराब हार नहीं माना और न ही वे यह मानते हैं कि इससे भारत में क्रिकेट पर बुरा असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता कि इसका भारत में कोई बुरा असर पड़ेगा। हम 2007 विश्व कप से भी बाहर हो गए थे और वह सबसे खराब हार थी, लेकिन हमने वापसी की और लगातार श्रृंखलाएँ जीतीं।