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Written By भाषा

कोहली ने जुझारूपन दिखाने के लिए टीम की तारीफ की

कोहली ने जुझारूपन दिखाने के लिए टीम की तारीफ की -
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मीरपुर। भारत के कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उनके लिए टीम की अगुवाई करने का यह अच्छा अनुभव रहा और उन्हें गर्व है कि उनके युवा साथियों ने श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ मैचों में गजब का जज्बा दिखाया। भारत ये दोनों मैच हार गया था। भारत आज यहां पाकिस्तान के हाथों एक विकेट की हार से टूर्नामेंट से लगभग बाहर हो गया है।

कोहली ने नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अनुपस्थिति में टीम की अगुवाई की थी। कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘यह मेरे लिए सीखने का अच्छा अनुभव रहा। पिछले दोनों मैचों में हमारे खिलाड़ियों ने जैसा प्रदर्शन किया उस पर मुझे गर्व है। हमने लगभग जीत दर्ज कर ली थी। यह युवा टीम है। गेंदबाजों ने जिस तरह से वापसी की उसे देखकर खुशी हुई।’

गेंदबाजी में लगातार बदलाव की अपनी रणनीति के बारे में कोहली ने कहा, ‘हमारी रणनीति यह थी वे एक गेंदबाज को नहीं समझ पाएं। हमारा स्कोर अच्छा नहीं था और ऐसे में गेंदबाजों ने अच्छा प्रयास किया। मिश्रा को टर्न मिल रहा था और मैंने उनके दो ओवर बचा के रखे। अश्विन भी डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने के प्रति आश्वस्त थे और इसलिए मैंने उनके भी दो ओवर बचाकर रखे थे।’ कोहली ने कहा, ‘यह मैच किसी के भी पाले में जा सकता था लेकिन हम 20-30 रन पीछे रह गए।'

पाकिस्तान के कप्तान मिसबाह उल हक ने कहा कि इस जीत से टीम का ऐसी परिस्थितियों में बिखर जाने का मिथक अब टूट गया है। उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में महत्वपूर्ण जीत है और मैं बहुत खुश हूं क्योंकि हमने दबाव में अच्छा खेल दिखाया। हमारे बारे में कहा जाता है कि हम लक्ष्य का पीछा करने में अच्छे नहीं है लेकिन हफीज और मकसूद ने शानदार प्रदर्शन किया और अफरीदी ने बेहतरीन तरीके से मैच का अंत किया।’

मिसबाह आज भी रन आउट हुए। इस बारे में पूछ जाने पर उन्होंने कहा, ‘यदि पाकिस्तान जीत दर्ज करता रहता है तो मुझे आउट होने में खुशी होगी। यदि मैं रन नहीं बनाता और पाकिस्तान जीत दर्ज करता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।’

मोहम्मद हफीज को उनकी 75 रन की जुझारू पारी के 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। उन्होंने कहा, ‘टीम प्रबंधन ने मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए कहा और मुझे अपने प्रदर्शन से खुशी है।’ शोएब मकसूद के साथ 87 रन की साझेदारी के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैंने मकसूद को धैर्य बनाए रखने के लिए कहा क्योंकि रन रेट ज्यादा नहीं था। इसके बाद शाहिद अफरीदी ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।’ (भाषा)