मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
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Written By सीमान्त सुवीर

अफरीदी ने कबूला, भांग के नशे में बोला हिंदुस्तान जिंदाबाद

अफरीदी ने कबूला, भांग के नशे में बोला हिंदुस्तान जिंदाबाद - Shahid Afridi, Holly, Pakistan, Cricket, Captain, India Zindabad
'होली' के अवसर पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी ने आज एक सनसनीखेज रहस्योद्‍घाटन करते हुए कहा कि हमारी टीम जब कोलकाता पहुंची, तब किसी ने मुझे भांग खिला दी थी जिसके कारण मेरा दिमाग भन्ना गया था और भांग का सुरूर चढ़ते ही पता नहीं मेरे मुंह से क्या-क्या निकलता चला गया। मैंने सबसे पहले अपने ही देश को गालियां बकीं और फिर हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।
अफरीदी बोले..यार मुझे माफ कर देना...
अफरीदी ने कहा कि कोलकाता में मुझे मीठा ठंडा दूध दिया गया, जिसकी रंगत मुझे इतनी भाई कि एक के बाद मैं तीन गिलास गटक कर गया। मुझे नहीं मालूम था कि इस ठंडाई में भांग मिली हुई है। मैं ये भी नहीं जानता कि भांग उतारने के लिए क्या नुस्खे अपनाने होते हैं? मैंने कामरान अकमल से पूछा कि 'यार दिमाग भन्ना रहा है और पता नहीं एक के बाद एक लहरें आ रही हैं। लग रहा है मैं हवा में उड़ रहा हूं।' इस पर उस पापी ने मुझे रसगुल्ले के साथ खूब सारी रबड़ी खिला दी। पता नहीं कमबख्त ने किस जनम की दुश्मनी निकाली... पापी कहीं का... 
 
अफरीदी बोले 'मीठा खाते ही लग रहा था कि मैं मैदान पर हूं और मेरे बल्ले से रनों का झरना फूट रहा है। मैं कुछ सोच पाता, तब तक एक रिपोर्टर आया और पूछ बैठा कि भारत आकर कैसा लग रहा है? चूंकि हमारी पाकिस्तान में खूब मट्‍टी पलीद होती है और लोग हमें लोग कोसते हैं, लिहाजा मेरी जुबां अपने वतन के लिए जहर उगलने लगी। मैंने भी बोल दिया मुझे पाकिस्तान में उतना प्यार नहीं मिलता जितना भारत में। अंदर की बात तो ये थी कि पाकिस्तान ने हम क्रिकेटरों को कंगाल कर दिया था... हम भीख मांगते फिर रहे थे कि अल्लाह के नाम पर कोई हमारी कंगाली दूर कर दे। अब तो आईपीएल से भी हम बाहर हो चुके हैं और कार को पेट्रोल तक नहीं पिला पा रहे हैं। भारत से हमें पैसा मिलता है और हम मालामाल भी होते हैं। फिर भला मैं क्यों न हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाऊं?
 

 विराट कोहली : होली की मस्ती का आलम
अफरीदी की भांग उतरी नहीं थी कि सामने विराट कोहली आ गए। मैंने पूछ लिया, वाह... आजकल तो मैदान पर भी छाए हुए हो और मैदान के बाहर भी अपने जलवे बिखेर रहे हो? ये पाकिस्तानी मॉडल कंदील बलोच का क्या किस्सा है? विराट ने पहले इधर-उधर देखा और फिर धीरे से बोले, 'यार बताना मत किसी को, मैंने आज थोड़ी सी भंग पी ली है, बहक जाऊं तो बुरा मत मानना। होली की मस्ती थी और कप्तान धोनी ने भी कहा कि बांग्लादेश से ही मैच है, संभाल लेंगे। तू तो शिवबूटी चख ही ले।' 

कंदील बलूच :  पाकिस्तानी मॉडल
मैंने फिर असल मुद्दा उछाला कि तुम सवाल से भाग रहे हो... कंदील बलूच पर बोलो... तब कोहली ने स्माइल फेंकते हुए आंख मारी और कहा कि अनुष्का शर्मा तो मुझे फिल्म का झांसा देकर 40 करोड़ कूट चुकी है और तभी से मेरा दिमाग खराब है। मेहनत की कमाई पानी में बह गई। मैंने उससे किनारा कर लिया है। अब इतना बड़ा क्रिकेटर हूं तो कोई दूसरा नाम तो जुड़ना था। क्या कंदील बलूच ही मिली थी? अरे नहीं, वो तो मेरे से जुड़कर स्टार बन गई है। मुझे तो स्टेडियम में अब अनुष्का की जगह बलूच ही नजर आ रही है। 
 
जेएनयू का दौरा करने का मन बनाया और मिल गया जेएनयू का हीरो कन्हैया। कन्हैया बोला कि अफरीदी तो कभी कभी-कभी भांग खाता है, मैं तो रोज इसका सेवन करता हूं और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता हूं। अंदर की बात बताऊं, किसी को मत बताना। असल में जेएनयू में जितने भी छात्र पढ़ रहे हैं, वे सब के सब भंगेड़ी ही हैं। 'होली' पर तो सिर्फ एक दिन भांग का प्रोग्राम देश मनाता है, हमारे यहां तो भांग पार्टी तकरीबन रोज ही चलती है। और एक बात बताऊं, अभी जब मैं राहुल बाबा से मिला था, तो उन्होंने मुझको बताया था कि उनकी तो कभी उतरती ही नहीं और पिन्नक में ही मोदी को कुछ तो भी बोलते रहते हैं। 
 
होली की शाम अब अपने शबाब पर थी और 'बुरा न मानो होली है' के नारे लगाते हुए युवाओं की टोली सड़कों पर आ चुकी थी। लाल, पीले, हरे, नीले चेहरे पुते युवक-युवतियों के चेहरे पहचानना मुश्किल थे। भंग का नशा अब चढ़ने लगा था और एक के दो और दो के चार नजर आने लगे थे। होली है ही ऐसा त्योहार, जिसमें आप सामने वाले की मट्‍टी पलीद कर दो और धीरे से बोल दो, 'बुरा न मानो होली है', इसलिए तमाम क्रिकेट हस्तियों और मीडिया सेलिब्रिटी से होली के इस पावन और मस्तीभरे त्योहार पर माफी मांगते हुए गुजारिश है कि वे इसे शिवबूटी का असर मानें और किसी भी बात को दिल पर न लें। 
 
हुर्रे, होली है... बुरा न मानो होली है... क्या करें, होली के मौके को इसी तरह मनाने की हमारी परंपरा है, फिर भला हम भी इससे पीछे क्यों हटें। ये तो शिवजी का प्रसाद है और भोलेनाथ के प्रसाद की महिमा ही निराली है। वो तो कालों का काल महांकाल है...