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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 4 मई 2016 (15:22 IST)

सुपरजाइंट्स के सामने विजय अभियान जारी रखने उतरेंगे डेयरडेविल्स

सुपरजाइंट्स के सामने विजय अभियान जारी रखने उतरेंगे डेयरडेविल्स - Pune supergiants, IPL, Delhi Daredevils
नई दिल्ली। शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद अब इंडियन प्रीमियर लीग की अन्य टीमों की तुलना में बेहद संतुलित दिख रही दिल्ली डेयरडेविल्स अपनी युवा शक्ति के उत्साही प्रदर्शन के दम पर गुरुवार को यहां अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझ रहे राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के खिलाफ अपना विजय अभियान जारी रखने के लिए उतरेगी।
 
डेयरडेविल्स ने जहीर खान की अगुवाई में अब तक लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। पिछले कुछ वर्षों में इस टीम के साथ सबसे बड़ी दिक्कत एकजुटता की दिख रही थी, लेकिन जहीर ने बड़ी कुशलता से अपनी युवा टीम को एकसूत्र में पिरोया है जिसका असर टीम के प्रदर्शन पर साफ दिख रहा है।
 
जहीर ने स्वयं अपनी कप्तानी से प्रभावित किया है। एक बार महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें गेंदबाजी विभाग का 'सचिन तेंदुलकर' कहा था और अब उन्होंने साबित कर दिया कि मौका मिलने पर वे टीम की अच्छी तरह से अगुवाई कर सकते हैं। 
 
अपने अपार अनुभव के दम पर वे बड़ी कुशलता से गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में बदलाव करते हैं। यह साफ नजर आता है कि वे विरोधी खेमे के प्रत्येक बल्लेबाज के लिए रणनीति तैयार करके मैदान पर उतरते हैं।
 
यही नहीं, उन्होंने अपने युवा खिलाड़ियों को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया और अब आलम यह है कि क्विंटन डिकॉक, ऋषभ पंत, संजू सैमसन, कार्लेस ब्रेथवेट, शाहबाज नदीम, क्रिस मौरिस जैसे कम अनुभवी खिलाड़ी दूसरी टीमों के मंझे हुए खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहे हैं।
 
गुजरात लॉयंस के खिलाफ मंगलवार के मैच में इसकी बानगी देखने को मिली, जब कई सितारा खिलाड़ियों से सजी टीम को डेयरडेविल्स के नौजवानों के सामने घुटने टेकने पड़े। इससे टीम ने इसी टीम के खिलाफ कोटला में मिली 1 रन की मामूली हार का बदला भी चुकता कर दिया। 
 
यही नहीं, डेयरडेविल्स भी अब तक सलामी जोड़ी को लेकर थोड़ा असमंजस की स्थिति में था लेकिन युवा पंत ने जिस तरह डिकॉक के साथ यह जिम्मेदारी संभाली उससे अब टीम अधिक संतुलित दिखने लगी है। डेयरडेविल्स ने लॉयंस के खिलाफ 1 रन से हार के बाद लगातार 2 जीतें दर्ज की हैं। 
 
इससे पहले उसने सैम बिलिंग और करुण नायर जैसे युवा खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन से कोलकाता नाइटराइडर्स को हराया था। डेयरडेविल्स ने अब तक 7 मैचों में से 5 में जीत दर्ज कर ली है और वह 10 अंक लेकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
 
अब डेयरडेविल्स का मुकाबला ऐसी टीम है, जो कई नामी खिलाड़ियों के चोटिल होने से महेंद्र सिंह धोनी जैसा कप्तान होने के बावजूद एक संतुलित टीम तैयार करने के लिए जूझ रही है। 
 
पुणे सुपरजाइंट्स को केविन पीटरसन, फाफ डु प्लेसिस, मिशेल मार्श और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे स्टीवन स्मिथ को गंवाना पड़ा है। ये सभी खिलाड़ी चोटिल होने के कारण स्वदेश लौट गए हैं।
 
4 प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने से टीम का संतुलन बुरी तरह चरमरा गया है और धोनी जैसे धाकड़ कप्तान को भी नहीं सूझ रहा है कि वे किस संयोजन के साथ मैदान पर उतरें। आलम यह है कि टीम को लगातार हार का सामना भी करना पड़ा है और उसके लिए आगे की राह कांटोंभरी बन गई है।
 
पुणे ने अब तक 8 मैच खेल लिए हैं जिसमें से 6 में उसे हार मिली है। उसके 2 जीत से केवल 4 अंक हैं और यदि उसे चोटी की 4 टीमों में जगह बनानी है तो आगे के सभी मैच जीतने ही होंगे, जो कि वर्तमान परिस्थितियों में आसान नहीं दिख रहा है।
 
धोनी अपनी किसी एक एकादश को लंबे समय तक मैदान में उतारने के लिए मशहूर रहे हैं लेकिन यहां तस्वीर बदल गई है। खिलाड़ियों के चोटिल होने से उन्हें लगातार संयोजन में बदलाव करने पड़े हैं।
 
अजिंक्य रहाणे शुरू से पारी का आगाज कर रहे हैं लेकिन अब उनके साथ दूसरे छोर पर जिम्मेदारी कौन संभालेगा, यह तय नहीं है। ऑस्ट्रेलिया से बुलाए गए नए बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जिन्होंने विश्व टी-20 में भी अपनी टीम के लिए भूमिका निभाई थी। जॉर्ज बेली के रूप में टीम में एक और नया चेहरा जुड़ा है जिन पर मध्य क्रम को स्थायित्व प्रदान करने का एक और बड़ा जिम्मा होगा। 
 
सुपरजाइंट्स के बल्लेबाजों को हालांकि बेहतरीन फॉर्म में चल रहे लेग स्पिनर अमित मिश्रा, अपने पुराने रंग दिखा रहे जहीर खान, चोट से उबरकर वापसी करने वाले मोहम्मद शमी, नदीम, मौरिस और ब्रेथवेट जैसे गेंदबाजों के सामने संभलकर बल्लेबाजी करनी होगी।
 
धोनी के तुरूप के इक्के रहे रविचंद्रन अश्विन का गेंदबाजी में नहीं चल पाना सुपरजाइंट्स के लिए सबसे बड़ी चिंता है। अश्विन ने अब तक 8 मैचों में केवल 3 विकेट लिए हैं और उन्होंने 7 रन प्रति ओवर की दर से रन दिए हैं। 
 
धोनी ने ऐसे हालात में एक अन्य स्पिनर मुरुगन अश्विन पर भरोसा जताया लेकिन वे भी निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। ईशांत शर्मा और तिसारा परेरा से टीम को काफी उम्मीद थी लेकिन ये दोनों काफी महंगे साबित हुए हैं।
 
ऐसे स्थिति में पुणे के आक्रमण के लिए दिल्ली के युवा बल्लेबाजों पर अंकुश लगाना सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि डिकॉक, पंत, नायर, सैमसन, जेपी डुमिनी, बिलिंग्स, ब्रेथवेट, मौरिस कोई भी मौका मिलने पर बड़ी पारी खेलने के लिए तैयार दिखते हैं। 
 
मौरिस ने कोटला में लॉयंस के खिलाफ पिछले मैच में नाबाद 82 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। उन्होंने दिल्ली के अपने प्रशंसकों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं जिस पर वे खरा उतरना चाहेंगे। (भाषा)
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