500 शादियों के बराबर होता है इंदौर का एक मैच : संजय जगदाले
इंदौर। भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरे टेस्ट मैच के निर्विघ्न संपन्न होने के बाद जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व सचिव और मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय जगदाले से पहली प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि इसके लिए मेरी पूरी ने बहुत मेहनत की और सबसे ज्यादा इंदौर के दर्शकों का शुक्रिया, जिन्होंने इस मैच को सफल बनाया। इस कामयाबी के लिए सबसे ज्यादा शुक्रगुजार शहर के अनुशासित दर्शक हैं। ऐसे दर्शक मैंने देश के किसी भी सेंटर में नहीं देखे, जिन्होंने वन-डे के बाद पहली बार आयोजित हुए टेस्ट मैच को भी सफल बनाया।
चौथे दिन ही शाम को इस टेस्ट मैच का परिणाम सामने आ गया था और शाम जब रात में तब्दील हो रही थी, तब खुद संजय जगदाले भी मैदान पर आ गए थे। कई लोग उन्हें इस जीत के अलावा शानदार आयोजन के लिए बधाई दे रहे थे। जब उनसे पूछा कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि सफल आयोजन के बाद जो खुशी है, उसे व्यक्त नहीं किया जा सकता। जगदाले के मुताबिक बीसीसीआई ने मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को जो जिम्मेदारी सौंपी थी, वह उसमें पूरी तरह से खरा उतरा और मैं उम्मीद करता हूं कि बीसीसीआई भविष्य में रोटेशन के तहत इंदौर को भी टेस्ट मैच देगा।
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा आयोजन था और इसके लिए कई महीनों से तैयारी चल रही थी। मुझे लगता है कि इंदौर का एक मैच 500 शादियों के बराबर होता है। जिस तरह शादी में तैयारियां होती हैं, ठीक उसी तरह एमपीसीए के पदाधिकारी भी तैयारियों में जुट जाते हैं। हरेक का मकसद यही होता है कि बोर्ड ने हमें मेजबानी के लिए चुना है तो हम उसे सफल बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दें।
जगदाले के मुताबिक सभी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया और पहली बार होलकर स्टेडियम में खेले गए इस टेस्ट मैच को सफल बनाया। यह देखकर अच्छा लगा कि इंदौर के दर्शक चारों दिन स्टेडियम में आए और पूरी तरह अनुशासित रहे। उन्होंने शहर की गरिमा के अनुरूप व्यवहार किया। यही नहीं, उन्हें चारों दिन क्रिकेट की रोमांचक दावत भी मिली। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली से लेकर हर खिलाड़ी खुश है क्योंकि उन्होंने यहां टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 'क्लीन स्वीप' की और वे इंदौर से सुनहरी यादें लेकर लौटेंगे।
यूं देखा जाए तो मेजर एमएम जगदाले के तीन बेटों में दूसरे नंबर के बेटे संजय जगदालेजी का टेस्ट मैच के सफल आयोजन के बाद खुश होना लाजमी भी है। वे खुद रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी रहे हैं। बाद में उन्होंने माधवराव सिंधिया के आग्रह पर मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की जिम्मेदारी संभाली और होलकर स्टेडियम की नींव से लेकर उसके बनने तक अथाह मेहनत की है।
आज यदि होलकर स्टेडियम चार वन-डे मैचों (2 बार इंग्लैंड, 1 बार वेस्टइंडीज और 1 बार दक्षिण अफ्रीका) की मेजबानी के बाद पहली बार भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच का आयोजन करने में कामयाब हुआ है, तो ये सब जगदाले की ईमानदार कोशिशों का ही परिणाम है। बीसीसीआई के सचिव पद और राष्ट्रीय चयनकर्ता की जिम्मेदारी संभाल चुके जगदाले एमपीसीए अध्यक्ष पद की कुर्सी पर हैं और उनकी सहजता देखिए कि वे न विराट कोहली के पास गए और न ही मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में नजर आए। उन्होंने जो काम करना था, वो कर दिखाया और इंदौर की नजरों में 'बड़े सर' कहे जाने वाले संजय जगदाले का कद और भी ऊंचा हो गया...यदि वे कहते हैं कि इंदौर का एक मैच 500 शादियों के बराबर होता है तो वाकई सही कहते हैं...