भारतीय महिला टीम को विश्वकप के हर मैच में मिला 'स्टार'
लंदन। महिला विश्वकप टूर्नामेंट के फाइनल में दूसरी बार पहुंच चुकी भारतीय टीम को इस बार टूर्नामेंट के हर मैच में कोई न कोई स्टार मिला जिसने टीम को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। भारतीय टीम ने विश्वकप में लगातार शानदार प्रदर्शन किया और वह कई बार मजबूत टीमों को लुढ़काते हुए फाइनल में पहुंच गई है जहां रविवार को खिताब के लिए उसके सामने मेजबान इंग्लैंड की चुनौती होगी।
भारत की विश्वकप के फाइनल तक के सफर को देखा जाए तो पहले ही मैच में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ 35 रन की जीत में स्मृति मंधाना ने 72 गेंदों में 90 रन की मैच विजयी पारी खेली जबकि दीप्ति शर्मा ने 47 रन पर तीन विकेट हासिल किए। भारत के दूसरे मैच में भी स्मृति का ही जलवा रहा जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ सात विकेट की जीत में 108 गेंदों में नाबाद 106 रन बनाए।
भारत की पाकिस्तान के खिलाफ 95 रन की बेहतरीन जीत में एकता बिष्ट 18 रन पर पांच विकेट लेकर जीत की सूत्रधार रहीं। भारत ने जब श्रीलंका को चौथे मैच में 16 रन से पराजित किया तब दीप्ति के 78 रन खासे महत्वपूर्ण रहे।
अगले मैच में हालांकि भारत को दक्षिण अफ्रीका के हाथों 115 रन से हार का सामना करना पड़ा लेकिन इस मैच में भी दीप्ति ने 60 रन बनाए। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की आठ विकेट की हार में पूनम राउत की 136 गेंदों में 106 रन की पारी शानदार रही थी।
भारत के न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में कप्तान मिताली राज ने शानदार 109 रन बनाए थे जबकि राजेश्वरी गायकवाड ने 15 रन पर पांच विकेट झटके थे। सेमीफाइनल में भारत की गत चैंपियन आस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रन की जीत में हरमनप्रीत कौर के रिकार्ड नाबाद 171 रन में उन्हें भारतीय टीम की सबसे बड़ी सुपर स्टार बना दिया है।
कप्तान मिताली इस टूर्नामेंट में तीन रिकार्ड बना चुकी हैं। वह एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाली महिला बल्लेबाज, 6000 रन पूरे करने वाली पहली महिला बल्लेबाज और लगातार सात अर्धशतक बनाने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
मिताली इस टूर्नामेंट में अब तक आठ मैचों में 392 रन बना चुकी हैं और उन्होंने विश्वकप में 1000 रन भी पूरे कर लिए हैं। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय बल्लेबाज हैं। उनके नाम विश्वकप में 1122 रन हैं। मिताली इस विश्वकप में सबसे आगे चल रही आस्ट्रेलिया की एलिस पैरी (404) के बाद दूसरे नंबर पर है। उन्हें पैरी से आगे निकलने के लिए 13 रन की जरूरत है।
हरमनप्रीत ने अब तक सात मैचों में 308 रन, पूनम राउत ने 295 रन और दीप्ति शर्मा ने सात मैचों में 202 रन बनाए हैं। गेंदबाजों में दीप्ति ने आठ मैचों में 12 विकेट, पूनम यादव ने आठ मैचों में नौ विकेट, एकता बिष्ट ने छह मैचों में नौ विकेट, शिखा पांडे ने छह मैचों में आठ विकेट लिए हैं।
अब सिर्फ फाइनल रह गया है जिसमें देखना है कि भारत को कौनसा अगला स्टार मिलता है। यदि विश्वकप पहली बार भारत के हाथ लगता है तो पूरी टीम ही स्टारडम के सातवें आसमान पर पहुंच जाएगी। (वार्ता)