23 जून 2013 भारतीय क्रिकेट के लिए एक खुशनुमा पल या सुनहरा अध्याय है लेकिन इस ही तारीख को 8 साल बाद 23 जून 2021 को भारत के पास इतिहास रचने का मौका छिटक गया था। चैंपियन्स ट्रॉफी की जीत के बाद की जीत के बाद ऐसा लगा कि भारत अब लगातार आईसीसी टूर्नामेंट पर अपना अधिकार जमाए रखेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और टीम इंडिया लगातार अगले साल से ही बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में फिसलती हुई नजर आई।
पहली बार World Test Championship विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल WTC Final खेल रहा भारत न्यूजीलैंड से आज की ही तारीख को 8 विकेटों से हार गया था।
हाल ही में टीम इंडिया इस महीने की 11 तारीख पर ऑस्ट्रेलिया से दूसरा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल 209 रनों से हार गई थी। दिलचस्प बात यह है कि टेस्ट के आईसीसी खिताब दोनों बार जून के महीने में ही इंग्लैंड में खेले गए और भारत को दोनों बार इसमें हार नसीब हुई। जानते हैं क्या हुआ था उस टेस्ट मैच में
दोनों ही पारियों में 1 भी भारतीय बल्लेबाज नहीं लगा पाया था 50वर्षा बाधित इस महामुकाबले में कप्तान केन विलियमसन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। मैदान के ऊपर बादल होने के कारण यह अंदेशा जताया जा रहा था कि भारतीय बल्लेबाजी जल्द ही न्यूजीलैंड की पेस बेट्री के सामने धाराशाही हो जाएगी।
हालांकि अच्छी शुरुआत मिलने के बाद भी टीम इंडिया सिर्फ 217 रनों के स्कोर पर ऑलाउट हो गई। कप्तान विराट कोहली (44), उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (49), विकेटकीपर ऋषभ पंत (4) और रविचंद्रन अश्विन (22) के स्कोर पर आउट होकर मैदान से बाहर लौटे।
भारतीय पारी को समेटने का काम न्यूजीलैंड के लिए युवा तेज गेंदबाज काइल जैमिसन ने किया। जैमिसन ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए एक के बाद एक टीम इंडिया के विकेटों की झड़ी लगाकर रख दी। 26 वर्षीय काइल जैमिसन टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की एक पारी में पांच विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने।न्यूजीलैंड के लिए काइल जैमिसन 5, ट्रेंट बोल्ट और नील वैगनर दो-दो और टिम साउथी एक विकेट लेने में सफल रहे थे।
ऐसा ही कुछ न्यूजीलैंड पारी के दौरान हुआ। सधी हुई शुरुआत मिलने के बाद कीवी पारी भी लड़खड़ाई। सलामी बल्लेबाज डेवॉन कॉन्वे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अर्धशतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने। हालांकि मध्यक्रम की बल्लेबाजी कप्तान केन विलियमसन के 49 रनों के आसपास ही घूमती रही।
पहली पारी में न्यूजीलैंड 249 के स्कोर पर ऑलआउट हुई। भारत के लिए शमी चार, इशांत तीन, अश्विन दो और जडेजा एक विकेट लेने में सफल रहे। न्यूजीलैंड के पास कुल बढ़त सिर्फ 32 रन की रही।
23 जून को टेस्ट के अंतिम दिन धराशाही हुई भारतीय बल्लेबाजी
दूसरी पारी में भारत ने अपने सलामी बल्लेबाज जल्द गंवा दिए थे लेकिन बारिश के कारण लगभग 1.5 दिन के नुकसान के कारण लग रहा था कि यह मैच ड्रॉ हो जाएगा। लेकिन अंतिम दिन भारतीय बल्लेबाजी ने वैसे ही घुटने टेके जैसे हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेके थे।
पहले घंटे के खेल में ही कप्तान विराट कोहली (13) और चेतेश्वर पुजारा (15) के स्कोर पर जैमिसन की गेंदो पर आउट होकर पवेलियन लौट गए।अब टीम इंडिया की सारी नजरें उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और विकेटकीपर ऋषभ पंत के ऊपर थी।
दोनों के बीच अभी साझेदारी पनपनी शुरू ही हुई थी कि तभी ट्रेंट बोल्ट ने अजिंक्य रहाणे को आउट कर भारत की उम्मीदों को ओर पीछे धकेल दिया था। रिजर्व डे के पहले सत्र का खेल समाप्त होने तक भारतीय टीम का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 135/5 रन रहा।
लंच के बाद भारत की सारी उम्मीदें पंत और जडेजा की जोड़ी पर टिकी थी, लेकिन नील वैगनर ने रवींद्र जडेजा को आउट कर कोहली एंड कंपनी को छठा नुकसान पहुंचाया। जडेजा 49 गेंदों पर 16 रन बनाकर आउट हुए।
भारतीय टीम के एक छोर को ऋषभ पंत ने संभाल रखा था। पंत अपनी पारी और भारत की उम्मीदों को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन तभी ट्रेंट बोल्ट ने उनकी पारी पर लगाम लगा दिया था। अर्धशतक की ओर बढ़ रहे ऋषभ पंत 88 गेंदों पर 41 रन बनाकर आउट हुए थे। पंत के विकेट के बाद उसी ओवर में बोल्ट ने आर अश्विन (7) को भी आउट कर दिया था।
आठ विकेट गिरने के बाद मैदान पर मोहम्मद शमी आए और उन्होंने आने के साथ ही बड़े-बड़े शॉट लगाना शुरू कर दिया था। शमी 9 गेंदों पर 13 रन बनाकर साउदी की गेंद पर आउट हुए था। बुमराह शून्य पर पवेलियन लौटे और टीम इंडिया 170 पर ऑलआउट हो गई थी।
न्यूजीलैंड को 55 ओवरों में जीत के लिए 139 रनों का लक्ष्य मिला था। इस लक्ष्य को न्यूजीलैंड ने अपने सलामी बल्लेबाज अश्विन के हाथों गंवा कर पा लिया था। रॉस टेलर और कप्तान केन विलियमसन ने अर्धशतक जड़ अपनी टीम को विजयी बनाया था।