कोरोना से जंग की तुलना सचिन की पारियों से, चैपल बोले- धैर्य और दृढ़ संकल्प जरूरी
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कोविड-19 की वर्तमान महामारी की तुलना 5 दिवसीय मैच से की और कहा कि इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिये धैर्य और दृढ़ संकल्प बनाए रखना तथा थोड़ी पहल करना जरूरी है जो कि एक टेस्ट क्रिकेटर की प्रमुख विशेषताएं होती है।
चैपल ने अपनी बात के समर्थन में सचिन तेंदुलकर और साथी ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज इयान रेडपाथ की प्रभावशाली पारियों का उदाहरण दिया।
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो में अपने कॉलम में लिखा कि वर्तमान का चुनौतीपूर्ण समय दुनिया भर के कई नागरिकों के लिए परीक्षा की घड़ी है। मैंने सीखा है कि खेलों में अमिट छाप छोड़ने वाले खिलाड़ियों पर लागू होने वाले नियम जीवन में मददगार होते हैं।
उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 महामारी कहर बरपा रही है तब सभी देशों के नागरिकों को धैर्य, दृढ संकल्प बनाए रखना और थोड़ा पहल करने की जरूरत है। उच्च स्तर पर टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए यह जरूरी विशेषताएं होती हैं।
चैपल ने तेंदुलकर की 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में खेली गई पारी का उदाहरण दिया, जहां उन्होंने अपने आक्रामक रवैए से शेन वॉर्न पर दबदबा बनाया था।
उन्होंने कहा कि अपनी बात के समर्थन में मैंने दो प्रभावशाली पारियां चुनी हैं। इनमें पहली पारी सचिन तेंदुलकर की 1998 में चेन्नई में खेली गयी पारी है। उनकी दूसरी पारी के बेहतरीन 155 रन के दम पर भारत ने टेस्ट मैच जीता था, लेकिन तेंदुलकर ने श्रृंखला से पहले जो तैयारियां की थी यह उनके बिना संभव नहीं हो पाता।
चैपल ने कहा कि तेंदुलकर ने तब पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री से पूछा था कि अगर शेन वार्न राउंड द विकेट गेंदबाजी करके खुरदुरे क्षेत्र में गेंद करे तो वे ऑस्ट्रेलिया के स्टार लेग स्पिनर पर कैसे दबदबा बना सकते हैं।
इस दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई ने कहा कि शास्त्री का जवाब उनकी सामान्य समझ के अनुरूप था। उन्होंने कहा कि, ‘अपने कद के कारण आगे तक पहुंच पाने से मैं वार्न की खुरदुरी जगह पर पिच कराई गेंद को रक्षात्मक होकर खेलता था लेकिन आप ऐसा नहीं करना। आपको जूतों से बने निशान पर की गई वार्न की गेंदों को खेलने के लिए आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस सलाह के बाद तेंदुलकर ने एमआरएफ नेट्स पर पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन की इस तरह की गेंदों के सामने अभ्यास किया।
चैपल ने इसे तेंदुलकर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में एक करार दिया जिसमें इस स्टार बल्लेबाज की पहल और प्रतिबद्धता दिखी। चैपल ने इसके साथ ही रेडपाथ की 1976 में मेलबर्न में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गयी पारी का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि तेंदुलकर की पहल और दृढ़ संकल्प के साथ रेडपाथ के धैर्य को मिला दो। फिर आपके पास इस घातक महामारी से बचने के लिए जरूरी गुण होंगे। (भाषा)