हौसले से हरमन ने हार को 'जीत' में बदला
महिला वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय महिला टीम को भले ही इंग्लैंड से हार मिली हो, लेकिन इन महिला क्रिकेटरों ने अपने जांबाज प्रदर्शन से करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों का दिल जीत लिया है। टीम इंडिया ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। महिला क्रिकेट टीम ने टूर्नामेंट में फाइनल को छोड़कर एक भी मैच नहीं हारा।
महिला टीम ने अपने प्रदर्शन से पक्रिकेटप्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस महिला क्रिकेट टीम में हर मैच में एक नया सितारा उभरकर सामने आया, जिसने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से टीम इंडिया को जीत दिलाई। ऐसी एक खिलाड़ी हैं हरमनप्रीत कौर, जिनकी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धुआंधार पारी ने हर किसी का मन जीत लिया।
हरमन ने 6 बार की वर्ल्ड कप चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रनों की नाबाद पारी खेली। हरमन मैदान के चारों ओर गेंद को पहुंचाया और ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों की जमकर कुटाई की। फाइनल में भी उन्होंने 51 रनों की तेज पारी खेली।
इस धुआंधार बल्लेबाज की कहानी भी दिलचस्प है। मूंगा की रहने वाली हरमनप्रीत कौर कभी पंजाब पुलिस में नौकरी मांगने के लिए गई थीं, लेकिन पंजाब पुलिस उन्हें नौकरी देने से मना कर दिया। फिर रेलवे ने हरमनप्रीत कौर को रोजगार मुहैया करवाकर उनकी परेशानी दूर कर दी।
वक्त का फेर देखिए कि वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद अब खुद पंजाब के मुख्यमंत्री ने उन्हें पंजाब पुलिस में डीएसपी बनाने की पेशकश की है। इससे एक बार फिर महिलाओं के प्रति सरकार का रवैया उजागर होता है। पंजाब पुलिस ने टीम इंडिया के गेंदबाज हरभजन सिंह को डीएसपी बनाया जबकि उन्होंने हरमन को नौकरी देने से मना कर दिया था और कई चक्कर कटवाए थे। बढ़ती उम्र के बीच हरमन को रेलवे ने मौका दिया।
हरमन ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। इस पूरे मामले से सरकार का दोहरा रवैया सामने आया है। फाइनल में भारतीय वीरांगनाओं की हार जरूर हुई है, लेकिन उनके जुझारूपन ने सबको अपना प्रशंसक बना दिया। उम्मीद है भविष्य में भी हरमनप्रीत कौर और टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन जारी रहेगा।